दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना और CM अरविंद केजरीवाल बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला 2 अक्टूबर का है। जब CM केजरीवाल और उनका कोई भी मंत्री गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपति की अगुआई के लिए राजघाट और विजय घाट पर मौजूद नहीं था। LG ने इसे प्रोटोकॉल के विरूद्ध बताते हुए CM केजरीवाल को 5 पेज का लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने 10 पाइंट में अपनी नाराजगी जाहिर की है।
लेटर पर आप ने किया पलटवार
LG सक्सेना के लेटर पर रिप्लाई करते हुए आप सरकार ने लिखा है- पिछले कई सालों से CM केजरीवाल लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम का हिस्सा लेते हैं। इस बार गुजरात में होने के कारण वो राजघाट नहीं पहुंचे सके। दो दिन पहले ही उन्होंने गुजरात के आदिवासी इलाके में विशाल रैली को संबोधित किया था। उनकी रैली के सामने अहमदाबाद में प्रधानमंत्री के रैली हल्की पड़ गई थी। जहां सिर्फ खाली कुर्सियां ही मौजूद थीं। आप ने आरोप लगाया कि LG सक्सेना ने ये लेटर पीएम के निर्देश पर लिखा है।
केजरीवाल पर राष्ट्रपति के अपमान का आरोप
गांधी जयंती के मौके पर बापू को श्रद्धांजलि देने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिल्ली के राजघाट पहुंची थी। जहां उनकी अगुवाई के लिए न ही सीएम और न ही उनकी सरकार का अन्य कोई मंत्री आया। केजरीवाल सरकार के इस रवैये से खफा LG सक्सेना ने इसे प्रोटोकाॅल का उल्लंघन बताया और केजरीवाल पर राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाया।
डिप्टी सीएम ने नहीं किया राष्ट्रपति का इंतजार
LG सक्सेना ने लेटर में लिखा- आपके डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया राजघाट तो आएं, लेकिन राष्ट्रपति के आने का इंतजार नहीं सके। वो कुछ ही देर में वहां से निकल गए, जबकि सीएम और डिप्टी सीएम से अप्रूवल मिलने के बाद ही राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था।
सिर्फ अखबारों में विज्ञापन देने से काम नहीं चलता
सक्सेना ने अपने लेटर के माध्यम से केजरीवाल से कहा- मैं दिल्ली सरकार के रवैये से बहुत दुखी और निराश हूं। राजघाट और विजयघाट पर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर तमाम नेता पहुंचे थे, लेकिन दिल्ली सरकार केवल अखबार में विज्ञापनों तक ही सीमित रही। ऐसा लगता है मानो जानबूझकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है।
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