नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन का आज 45वां दिन था। हाल-फिलहाल में कोई नतीजा निकलता न देख किसान मायूस होने लगे हैं। इस बीच, केंद्र सरकार के रुख से नाराज 40 साल के किसान ने शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर जहर खाकर जान दे दी। आंदोलन से जुड़े अब तक 55 किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें से कुछ ने सुसाइड कर लिया और कइयों की जान बीमारियों, ठंड और हार्ट अटैक के चलते गई है।
मंच के पीछे जाकर सल्फॉस खा ली
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर शनिवार देर शाम मंच से किसान नेता भाषण दे रहे थे। उसी समय पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से आए 40 साल के अमरिंदर सिंह ने मंच के पीछे जाकर सल्फॉस खा लिया। वह चिल्लाते हुए मंच के सामने आ गए। वे कुछ बोलते-बोलते तब तक बेहोश होकर नीचे गिर पड़े। उनके मुंह से झाग निकलने लगा। मौके पर मौजूद किसान उन्हें पास के फ्रैंक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल ले ले गए जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि मौके से अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
पूरे देश में राजभवन का घेराव करेगी कांग्रेस
कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने 15 जनवरी को देशभर में राजभवन के बाहर धरना-प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि हर राज्य के राजभव का कांग्रेस कार्यकर्ता घेराव करेंगे।
ब्रिटेन के PM को 100 से ज्यादा सांसदों ने लिखी चिट्ठी
इस बीच, ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने PM बोरिस जॉनसन को किसानों के मसले पर चिट्ठी लिखी है। इस पर 100 से ज्यादा सांसदों के दस्तखत हैं। चिट्ठी के जरिए मांग की गई कि जॉनसन इस मुद्दे को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाएं।
चिट्ठी में लिखा है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन शांति से प्रदर्शन करने के अधिकार की अहमियत समझते हैं। उन्हें इस मुद्दे की पूरी समझ भी है। धेसी ने सोशल मीडिया पर दिए मैसेज में कहा कि वे चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले 100 से ज्यादा सांसदों और लॉर्ड्स के आभारी हैं।
उन्होंने विरोध कर रहे भारतीय किसानों के लिए चिंता जाहिर की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बोरिस जॉनसन इस मसले को भारतीय प्रधानमंत्री के सामने उठाने में तेजी दिखाएंगे, ताकि यह गतिरोध खत्म हो सके।
इससे पहले 36 सांसदों ने चिट्ठी लिखी थी
इससे पहले धेसी के नेतृत्व में ब्रिटेन के 36 सांसदों ने कॉमनवेल्थ सेक्रेटरी डॉमिनिक राब को पत्र लिखकर उन्हें भारत सरकार से बात करने के लिए कहा था। ये सभी सांसद प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थक हैं।
5 जनवरी को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि इस मुद्दे ने भारतीय प्रवासी समुदाय खास तौर से पंजाबी या सिख बैकग्राउंड से आने वाले लोगों और भारत में खेती से जुड़े लोगों को बहुत परेशान किया है। पूरे ब्रिटेन में इस मुद्दे पर प्रदर्शन किए गए हैं।
मायावती ने कहा- सरकार कानून वापस ले
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत नाकाम रहना चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग मानकर इस समस्या का जल्द समाधान करे।
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