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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है। इस मसले पर चर्चा के लिए गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ दी।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान इन कानूनों को पास कराने की क्या जरूरत थी। वे बोले, 'ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में वोटिंग के बिना ही तीन कानून पास कर दिए गए। मैं इन कानूनों की कॉपी फाड़ता हूं और केंद्र से अपील करता हूं कि अंग्रेजों से बदतर ना बनें।' हालांकि, केजरीवाल सरकार इनमें से एक कानून फार्मर प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रोमोशन एंड फैसिलिटेशन) को पिछले महीने नोटिफाई कर चुकी है।
'हर दिन एक किसान शहीद'
केजरीवाल कहा कि आंदोलन के दौरान 20 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। औसतन एक किसान रोज शहीद हो रहा है। किसानों को अपनी आवाज सुनाने के लिए कितनी और कुर्बानियां देनी होंगी। सत्र के बाद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली विधानसभा ने तीनों कृषि कानूनों को खारिज कर दिया है। साथ ही केंद्र सरकार से अपील की कि वह इन काले कानूनों को वापस ले।
उधर, कृषि कानूनों पर गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल किसान आंदोलन को लेकर पार्टी नेताओं से बात कर रहे हैं। भाजपा हेडक्वार्टर पर चल रही इस मीटिंग में पार्टी के महासचिव शामिल हैं।
किसान बोले- सरकार से बात करने को राजी
दूसरी तरफ टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन कृषि कानूनों का विरोध नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अपना अहंकार बचाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का सहारा ले रही है।
अपडेट्स
UP की खापों ने कहा- सरकार नहीं मानी तो भाजपा को नुकसान होगा
उत्तर प्रदेश की 18 खाप पंचायतों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है। बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने कहा है कि अब तक दिल्ली में 26 जनवरी को नकली झांकियां निकाली जाती थीं, लेकिन इस बार किसानों की असली झांकी भी परेड में शामिल होगी। अगर सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती तो आने वाले चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान होगा।
'मांगें पूरी होने तक डटे रहेंगे'
गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल एक किसान ने कहा कि कड़ाके की ठंड के बावजूद हम यहां डटे हैं। मांगे पूरी होने तक यहां से नहीं हटेंगे, भले ही बारिश आ जाए। दूसरे किसान ने कहा कि अलाव और कंबलों के सहारे सर्दी से बचाव कर रहे हैं। यहां सभी सुविधाएं बेहतर हैं, बस वॉशरूम गंदे हैं।
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