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कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 66 दिन शनिवार को पूरे हो गए। पिछले 5 दिन में 2 बार हुई हिंसा के बाद सरकार और पुलिस की तरफ से लगातार एक्शन हो रहा है। पुलिस रैली में शामिल हुए ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल कॉल डेटा की पड़ताल कर रही है। वहीं, लोगों ने पुलिस को हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और CCTV फुटेज उपलब्ध कराए हैं।
ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) बीके सिंह ने कहा, '26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा से जुड़े वीडियो की जांच के लिए नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम को बुलाया गया है।' मामले में सबूत जुटाने के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम शनिवार को लाल किले पहुंची। अब तक दिल्ली पुलिस ने 38 एफआईआर दर्ज की हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के तीनों अहम पॉइंट सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी की रात 11 बजे तक बंद कर दी है।
किसान बोले- हम सरकार से बातचीत के लिए हमेशा तैयार
इधर, बजट से पहले शनिवार को हुई ऑल पार्टी मीटिंग में PM मोदी के बयान के बाद किसानों ने कहा कि उनकी तरफ से सरकार के साथ बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'किसान दिल्ली तक चुनी हुई सरकार से अपनी बात कहने ही आए हैं। ऐसे में बातचीत के दरवाजे बंद करने का सवाल ही नहीं उठता।'
दिल्ली पुलिस ने जालंधर में छापा मारा
दिल्ली पुलिस की टीम ने शनिवार को जालंधर में छापा मारा। यह कार्रवाई भी लाल किले में हुए उपद्रव के मामले में की गई। इसके बारे में जालंधर पुलिस ने बताया कि लाल किले की घटना में शामिल तरन तारन के दो युवकों के यहां छिपे होने की सूचना थी। इसलिए, दिल्ली पुलिस ने यहां के एक इलाके में छापा मारा, लेकिन आरोपी नहीं मिले।
उपद्रव में घायल पुलिसकर्मियों के परिवारों ने प्रदर्शन किया
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके विरोध में दिल्ली पुलिस महासंघ और घायल जवानों के परिवारों के लोग शहीदी पार्क में प्रदर्शन किया। हिंसा में घायल हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार ने बताया, 'मैं लाल किले के गेट पर तैनात था। हम भीड़ को बाहर निकाल रहे थे, इसी दौरान उपद्रवियों ने अचानक हमला कर दिया। उनके हाथों में लाठियां और तलवारें थीं। मुझे सिर और पैरों में चोटें आईं हैं।'
किसानों का गाजीपुर पहुंचने का सिलसिला जारी
UP और हरियाणा से किसान लगातार गाजीपुर पहुंच रहे हैं, क्योंकि मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हुई महापंचायत में यह अपील की गई थी। उधर, किसान नेता आज एक दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मना रहे हैं। इसके जरिए वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा का प्रायश्चित करना चाहते हैं।
राजनीतिक दलों का टिकैत को समर्थन जारी
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को राजनीतिक दल खुलकर समर्थन देने लगे हैं। शनिवार को UP कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, दिल्ली कांग्रेस नेता अलका लांबा और हरियाणा से कांग्रेस सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा गाजीपुर पहुंचे। इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया गाजीपुर पहुंचे थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी टिकैत से कहा कि उनकी पार्टी किसानों के साथ है।
सिंघु बॉर्डर पर हिंसा के मामले में 44 लोग गिरफ्तार
किसान आंदोलन के सबसे बड़े पॉइंट सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को स्थानीय लोगों और किसानों के बीच हिंसा हो गई। इसमें 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक उपद्रवी ने SHO पर तलवार से हमला कर दिया था। इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पंजाब के किसानों की 72 टीमें दूसरे राज्यों के किसानों को साथ लाएंगी
आंदोलन को मजबूत करने के लिए पंजाब के किसान अब दूसरे राज्यों के किसानों को भी साथ लाएंगे। इसके लिए पटियाला से 700, मोगा से 450, गुरदासपुर से 50 और होशियारपुर के टांडा से 70 किसान शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 41 किसान संगठनों की 72 टीमें हर घर से एक सदस्य को भेजेंगी। ये टीमें दूसरे राज्यों के किसानों को प्रदर्शन में लाएंगी।
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