देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मंथन शुरू हो गया है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के तमाम समीकरणों के साथ ही भाजपा की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों पर भी है। ऐसे में भाजपा राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। ऐसा हुआ तो देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिलेगा।
हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। लोकसभा की 543 सीटों में से 47 एसटी वर्ग के लिए सीट आरक्षित हैं। 62 लोकसभा सीटों पर आदिवासी समुदाय प्रभावी है। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटरों का वोट ही निर्णायक है। गुजरात में इसी साल और मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में 2023 में चुनाव होना है।
आदिवासी सीटों के लिए भाजपा फिक्रमंद क्यों?
गुजरात के गढ़ में भी भाजपा आदिवासियों को साधने में सफल नहीं रही। 182 सदस्यीय विधानसभा में 27 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। भाजपा को 2007 में इनमें से 13, 2012 में 11 और 2017 में 9 सीटें ही मिल सकीं। राज्य में करीब 14% आदिवासी हैं जो 60 सीटों पर निर्णायक भूमिका में। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में 28 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।
2014 में भाजपा इनमें से 11 सीटें और 2019 में 2 सीटें ही जीत सकी। मप्र की 230 सीटों में से 84 पर आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। 2013 में भाजपा ने इनमें से 59 सीटें जीतीं, जो 2018 में 34 रह गईं। यही स्थिति छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में भी है।
भाजपा किसे राष्ट्रपति उम्मीदवार बना सकती है?
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जुएल ओरांव, पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू तथा छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुईया उइके प्रमुख आदिवासी नेता हैं, जिनके नाम राष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में हैं। ऐसा हुआ तो वेंकैया नायडू और राजनाथ सिंह जैसे नाम दौड़ से बाहर हो जाएंगे।
विपक्षी दल कैसे साथ देने पर मजबूर होंगे?
महाराष्ट्र में लोकसभा की 4 तथा विधानसभा की 25 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में एनसीपी और शिवसेना के लिए एनडीए के आदिवासी उम्मीदवार का विरोध करना कठिन होगा। झारखंड में लोकसभा की 5 और विधानसभा की 28 सीट एसटी के लिए आरक्षित हैं।
कांग्रेस की सहयोगी झामुमो इसका विरोध नहीं कर पाएगी। ओडिशा में लोकसभा की 5 और विधानसभा की 28 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। नवीन पटनायक आसानी से एनडीए उम्मीदवार का साथ दे सकते हैं।
ऐसे साधने में जुटी भाजपा...
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