गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे की जांच में दिन-ब-दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब यह बात सामने आई है कि ओरेवा को पुल की मरम्मत के लिए 2 करोड़ रुपए मिले थे। कंपनी ने उसका महज 6% यानी 12 लाख रुपए ही खर्च किया था। 6 महीने की मरम्मत करके पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था।
पुल की मरम्मत पर खर्च किए गए पैसे का हिसाब-किताब सब-कॉन्ट्रैक्टर देवप्रकाश सॉल्यूशंस फर्म के पास से जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्स से मिला है।
फिटनेस चेक करने जयसुख की फैमिली गई थी
ओरेवा को मार्च 2022 में 15 साल के मोरबी ब्रिज के मेंटेनेन्स का ठेका मिला था। उसने देवप्रकाश सॉल्यूशंस को मरम्मत करने के लिए सब-कॉन्ट्रैक्ट दिया था। काम पूरा होने के बाद 24 अक्टूबर को ओरेवा ग्रुप के अध्यक्ष जयसुख पटेल और उनके परिवार ने पुल पर चहलकदमी करने जैसे इकलौते फिटनेस टेस्ट के बाद जनता के लिए खोलने फिट बताया था।
सब-कॉन्ट्रैक्ट जिसे दिया वो भी टेक्निकली नाकाबिल थी
ओरेवा ने ध्रांगधरा की जिस फर्म को जिम्मा सौंपा था, उसका टेक्निकल नॉलेज पुल की मरम्मत करने के लिहाज से नाकाफी था। फोरेंसिक रिपोर्ट में भी यह बताया गया है कि ब्रिज की 4 केबल काफी पुरानी थीं। उनमें जंग लग चुका था। मरम्मत के दौरान केबलों की ऑयलिंग-ग्रीसिंग भी नहीं की गई थी।
ब्रिज के लकड़ी के बेस को बदलकर एल्युमिनियम की चार लेयर वाली चादरें लगा दी गईं। इससे पुल का वजन बढ़ गया। पुरानी केबलें यह लोड संभाल नहीं सकीं और भीड़ बढ़ते ही ब्रिज टूट गया।
जिन पर केबल कसी थीं, उन एंकर पिन को देखा ही नहीं
मोरबी पुल खुलने के पांच दिन बाद ही गिर गया था। स्ट्रक्चरल इंजीनियरों की जांच में पता चला कि इस दौरान केबल को संभालने वाली एंकर पिन की मजबूती पर ध्यान ही नहीं दिया गया। लोड पड़ने से पुल के दरबारगढ़ सिरे पर लगी एंकर पिन उखड़ गई और पुल एक तरफ झुककर नदी में जा गिरा।
एंकर पिन की क्षमता 125 लोगों की थी, लेकिन 350 से ज्यादा लोगों को एक साथ पुल पर जाने दिया गया। नतीजा एक पिन टूट गई और लोग नीचे जा गिरे।
खबर आपने पढ़ी, अब इस पोल के जरिए अपनी राय जरूर बताएं...
मोरबी ब्रिज हादसे से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...
मोरबी हादसे में नगर पालिका का अफसर सस्पेंड
मोरबी शहर में में हुए पुल हादसे में चीफ फायर ऑफिसर संदीप सिंह झाला को लापरवाही के आरोप में शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। किसी सरकारी अधिकार के खिलाफ प्रशासन की यह पहला बड़ा एक्शन है। गुजरात पुलिस ने गुरुवार को मोरबी नगरपालिका के चीफ ऑफिसर झाला से 4 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। पढ़ें पूरी खबर...
टिकट एग्रीमेंट, जिसे ओरेवा ग्रुप ने तोड़ा
नगर पालिका के साथ हुए एग्रीमेंट में टिकट की दर 15 थी, लेकिन कंपनी 17 रुपए में बेच रही थी। एग्रीमेंट के तहत मोरबी नगर पालिका ने 5 मार्च 2022 में ओरेवा कंपनी को 15 साल के लिए सस्पेंशन ब्रिज के रख-रखाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। ओरेवा ने पुल खोलने के पहले ही दिन से 15 रुपए की जगह 17 और 10 की जगह 12 रुपए ऐंठने शुरू कर दिए थे। पढ़ें पूरी खबर...
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.