मोरबी ब्रिज हादसे का चौथा दिन:नया VIDEO सामने आया, केबल से लटके दिखे लोग; आरोपी ने कोर्ट से कहा- हादसा भगवान की मर्जी

गांधीनगर7 महीने पहलेलेखक: मोरबी से रक्षीत, जीग्नेश और आनंद
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नए वीडियो में पुल टूटने के बाद लोग तार पकड़कर लटके नजर आ रहे हैं। कई लोग नदी में डूबते और बचने की कोशिश करते भी दिख रहे हैं। - Dainik Bhaskar
नए वीडियो में पुल टूटने के बाद लोग तार पकड़कर लटके नजर आ रहे हैं। कई लोग नदी में डूबते और बचने की कोशिश करते भी दिख रहे हैं।

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम हुए ब्रिज हादसे का एक और वीडियो सामने आया है। इसमें कई लोग पुल के टूटे हिस्से में बंधी रस्सियों के सहारे लटके दिख रहे हैं। कुछ लोग नदी के पानी में डूबते और बचने की कोशिश करते भी नजर आ रहे हैं। चारों तरफ मदद के लिए चीख-पुकार मची हुई है।

30 अक्टूबर की शाम हुए पुल हादसे में अब तक 135 शव बरामद हुए हैं। 125 लोगों की टीम और 12 नावों के साथ गोताखोर शवों को तलाश कर रहे हैं। आज राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

मोरबी हादसे के आज के अपडेट्स...

  • मोरबी बार एसोसिएशन ओरेवा कंपनी के आरोपियों का केस नहीं लड़ेगी। राजकोट बार एसोसिएशन ने भी यही फैसला किया है।
  • चौथे दिन भी नेवी और NDRF की टीमें मच्छू नदीं में शवों की तलाश कर रही हैं।
  • पुलिस ने अदालत को बताया कि उथले पानी और चट्टानों की वजह से इतनी ज्यादा मौतें हुई हैं।

आरोपी जज से बोला- हादसा भगवान की मर्जी
पुल हादसे में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक ओरेवा कंपनी का मैनेजर दीपक पारेख है। उसने कोर्ट में कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है, ये भगवान की इच्छा है।

घड़ी बनाने वालों को पुल का ठेका देने का नतीजा 135 मौतें

गुजरात पुलिस ने कोर्ट में कहा कि मोरबी का सस्पेंशन ब्रिज हादसा उसकी नई फ्लोरिंग की वजह से हुआ था। रेनोवेशन के नाम पर ब्रिज में लगे लकड़ी के बेस को बदलकर एल्युमिनियम की चार लेयर वाली चादरें लगा दी गई थीं। इससे पुल का वजन बेहद बढ़ गया था। पुरानी केबल्स भीड़ बढ़ने पर इस लोड को संभाल नहीं सकीं और ब्रिज टूट गया। कोर्ट में हादसे की क्या वजहें बताई गईं ये विस्तार से जानने के लिए क्लिक करें...

मोदी मोरबी पुल पर गए, अस्पताल में घायलों का हाल जाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मोरबी में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों का हाल जाना। इसके बाद वे अपनों को खोने वाले परिवारों से SP ऑफिस में मिले। प्रधानमंत्री ने यहां अफसरों के साथ बैठक भी की। मोरबी आते ही PM ने सबसे पहले घटनास्थल पहुंचकर मच्छू नदी पर टूटे ब्रिज का मुआयना किया।

PM मोदी ने हादसे वाली जगह का मुआयना किया। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने उन्हें घटना की जानकारी दी।
PM मोदी ने हादसे वाली जगह का मुआयना किया। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने उन्हें घटना की जानकारी दी।
PM मोदी ने मोरबी हादसे में अपनों को खोने वालों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
PM मोदी ने मोरबी हादसे में अपनों को खोने वालों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
PM मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल में घायलों से मिले और उनका हालचाल जाना।
PM मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल में घायलों से मिले और उनका हालचाल जाना।
PM मोदी ने अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों से बातचीत भी की।
PM मोदी ने अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों से बातचीत भी की।

मोरबी हादसा 4 पॉइंट्स में...

1. पुल हादसा: क्षमता से ज्यादा लोग जमा हुए
हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। इसकी क्षमता महज 100 लोगों की थी। यहां 500 से ज्यादा लोग जमा हो गए थे। चश्मदीदों ने तो बताया कि वहां पर हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। 26 अक्टूबर को खोले जाने के 5 दिन बाद ही यह हादसा हुआ।

2. नुकसान: 135 मृतकों में 50 बच्चे
मोरबी के 135 मृतकों में 50 से ज्यादा बच्चे हैं। 45 की उम्र 18 साल से कम है। ज्यादातर महिलाओं और बुजुर्गों की जान गई है। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। 100 घायल हैं।

3. एक्शन: 9 गिरफ्तारियां, 50 लोगों की टीम जांच कर रही
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। गुजरात पुलिस ने कहा कि 50 लोगों की टीम पुल हादसे की जांच में जुटी है। जिम्मेदारों पर धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है। IG ने कहा- अभी तक जिनकी भूमिका सामने आई, उन्हें गिरफ्तार किया गया। जैसे-जैसे नाम सामने आते जाएंगे और गिरफ्तारियां होती जाएंगी। अब तक 9 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें ओरेवा कंपनी के अफसर भी शामिल हैं। इसी कंपनी को ब्रिज की जिम्मेदारी दी गई है।

4. इन्वेस्टिगेशन: फोरेंसिक एक्सपर्ट ने बताई वजह
मोरबी का केबल सस्पेंशन ब्रिज 20 फरवरी 1879 को शुरू किया गया था। 143 साल पुराना होने से इसकी कई बार मरम्मत हो चुकी है। हाल ही में 2 करोड़ रुपए की लागत से 6 महीने तक ब्रिज का रेनोवेशन हुआ था। गुजराती नव वर्ष यानी 26 अक्टूबर को ही यह दोबारा खुला था, लेकिन बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के इसे खोला गया। फोरेंस‍िक सूत्र के अनुसार, ब्रिज का पुराना केबल भारी दबाव के कारण टूटा।

5. बयानबाजी: मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, चुनाव कराया जाए
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और राज्य में चुनाव हों। घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल का ठेका क्यों दिया गया? इसका मतलब यह है कि कंपनी का भाजपा से लिंक है। कंपनी और मालिक का नाम FIR में नहीं लिखा।

किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी की कोख... तस्वीर सब बयां कर रही

सोमवार सुबह सामने आई ये तस्वीर मोरबी जिला अस्पताल की है। यहां हादसे में मारे गए लोगों की बॉडीज रखी गई हैं। इनमें से एक शव अकड़ गया था।
सोमवार सुबह सामने आई ये तस्वीर मोरबी जिला अस्पताल की है। यहां हादसे में मारे गए लोगों की बॉडीज रखी गई हैं। इनमें से एक शव अकड़ गया था।

मोरबी हादसे में किसी ने औलाद खो दी, किसी ने जीवन साथी। किसी की कोख में ही उसकी औलाद की कब्र बन गई। किसी के अपने उसकी आंखों के सामने डूब गए। सोमवार को हर ओर ऐसे ही मंजर दिखाई दिए। दर्द से भरी 11 कहानियां पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

143 साल पुराना है ब्रिज, मोरबी के राजा यहीं से दरबार जाते थे
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 143 साल पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। पुल बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था।

ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्सल सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है।

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