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हादसे के तीसरे दिन मोरबी पहुंचे PM मोदी:घायलों और अपनों को खोने वाले परिवारों से मिले, टूटे ब्रिज का मुआयना भी किया

गांधीनगर5 महीने पहलेलेखक: मोरबी से रक्षीत, जीग्नेश और आनंद
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पीएम मोदी ने मोरबी के सिविल अस्पताल में भर्ती ब्रिज हादसे में घायल लोगों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।

गुजरात में ब्रिज हादसे के दो दिन बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी पहुंचे। यहां उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों से मिलकर उनका हाल जाना। इसके बाद वे अपनों को खोने वाले परिवारों से एसपी ऑफिस में मिले। उन्होंने यहां अफसरों के साथ बैठक भी की। मोरबी आते ही पीएम ने सबसे पहले घटनास्थल पहुंचकर मच्छू नदी पर टूटे ब्रिज का मुआयना किया।

मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम हुए पुल हादसे में अब तक 135 शव बरामद हुए हैं। शवों की तलाश मंगलवार को भी की गई। NDRF के मुताबिक नदी में 2 और शव फंसे हो सकते हैं। 125 लोगों की टीम और 12 नावों के साथ गोताखोर तलाशी कर रहे हैं। गुजरात में बुधवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

PM मोदी ने हादसे वाली जगह का मुआयना किया। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने उन्हें घटना की जानकारी दी।
PM मोदी ने हादसे वाली जगह का मुआयना किया। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने उन्हें घटना की जानकारी दी।
PM मोदी ने मोरबी हादसे में अपनों को खोने वाले लोगों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
PM मोदी ने मोरबी हादसे में अपनों को खोने वाले लोगों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
PM मोदी ने मोरबी के SP ऑफिस में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि हादसे की गहराई से जांच की जाए और सभी पहलुओं का पता लगाया जाए।
PM मोदी ने मोरबी के SP ऑफिस में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि हादसे की गहराई से जांच की जाए और सभी पहलुओं का पता लगाया जाए।
पीएम मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल में घायलों से मिले और उनका हालचाल जाना।
पीएम मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल में घायलों से मिले और उनका हालचाल जाना।
PM मोदी ने अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों से बातचीत भी की।
PM मोदी ने अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों से बातचीत भी की।
मोरबी अस्पताल परिसर में PM मोदी ने राहत और बचाव कार्यों में शामिल जवानों से भी मुलाकात की।
मोरबी अस्पताल परिसर में PM मोदी ने राहत और बचाव कार्यों में शामिल जवानों से भी मुलाकात की।
PM मोदी ने बचाव कार्यों में शामिल लोगों से बातचीत की और हादसे की जानकारी ली।
PM मोदी ने बचाव कार्यों में शामिल लोगों से बातचीत की और हादसे की जानकारी ली।
हादसे वाली जगह का मुआयना करने के बाद PM मोदी सिविल अस्पताल पहुंचे।
हादसे वाली जगह का मुआयना करने के बाद PM मोदी सिविल अस्पताल पहुंचे।

मोरबी हादसे के बड़े अपडेट्स...

  • सुप्रीम कोर्ट से पुल हादसे की न्यायिक जांच की मांग की गई है। इस पर अदालत 14 नवंबर को सुनवाई करेगी।
  • NDRF ने कहा- हमें आशंका है कि कुछ शव नदी के तल में भी हो सकते हैं। हमने गोताखोरों को बुलाकर सर्च ऑपरेशन फिर शुरू कर दिया है।
  • पुल का रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, ब्रिज की रिपेयरिंग करने वाले दो कॉन्ट्रैक्टर, दो टिकट क्लर्क और तीन सिक्योरिटी गार्ड्स को गिरफ्तार किया गया है।
  • मोरबी हादसे के बाद अहमदाबाद के अटल ब्रिज के लिए अलर्ट जारी किया गया है। यहां 1 घंटे में 3,000 लोग ही जा सकेंगे। इसे बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि ब्रिज की क्षमता 12 हजार है।

मोरबी हादसे के तीसरे दिन सुबह की 3 तस्वीरें...

नेवी और NDRF की टीमों ने लगातार तीसरे दिन अपना ऑपरेशन जारी रखा है।
नेवी और NDRF की टीमों ने लगातार तीसरे दिन अपना ऑपरेशन जारी रखा है।
तस्वीर मंगलवार सुबह की है। इसमें मोरबी का टूटा हुआ सस्पेंशन ब्रिज और भगदड़ के निशान दिखाई दे रहे हैं।
तस्वीर मंगलवार सुबह की है। इसमें मोरबी का टूटा हुआ सस्पेंशन ब्रिज और भगदड़ के निशान दिखाई दे रहे हैं।
दीपक पारेख, दिनेश दवे, मनसुख टोपिया, मादेव सोलंकी, प्रकाश परमार, देवांग, अल्पेश गोहिल, दिलीप गोहिल, मुकेश चौहान अरेस्ट किए गए। तस्वीर अब सामने आई है।
दीपक पारेख, दिनेश दवे, मनसुख टोपिया, मादेव सोलंकी, प्रकाश परमार, देवांग, अल्पेश गोहिल, दिलीप गोहिल, मुकेश चौहान अरेस्ट किए गए। तस्वीर अब सामने आई है।

मोरबी हादसा 4 पॉइंट्स में...

1. पुल हादसा: क्षमता से ज्यादा लोग जमा हुए
रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। इसकी क्षमता महज 100 लोगों की थी। यहां 500 से ज्यादा लोग जमा हो गए थे। चश्मदीदों ने तो बताया कि वहां पर हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। 26 अक्टूबर को खोले जाने के 5 दिन बाद ही यह हादसा हुआ।

2. नुकसान: 135 मृतकों में 50 बच्चे
मोरबी के 135 मृतकों में 50 से ज्यादा बच्चे हैं। 45 की उम्र 18 साल से कम है। ज्यादातर महिलाओं और बुजुर्गों की जान गई है। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। 100 घायल हैं।

3. एक्शन: 9 गिरफ्तारियां, 50 लोगों की टीम जांच कर रही
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। गुजरात पुलिस ने कहा कि 50 लोगों की टीम पुल हादसे की जांच में जुटी है। जिम्मेदारों पर धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है। IG ने कहा- अभी तक जिनकी भूमिका सामने आई, उन्हें गिरफ्तार किया गया। जैसे-जैसे नाम सामने आते जाएंगे और गिरफ्तारियां होती जाएंगी। अब तक 9 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें ओरेवा कंपनी के अफसर भी शामिल हैं। इसी कंपनी को ब्रिज की जिम्मेदारी दी गई है।

4. इन्वेस्टिगेशन: फोरेंसिक एक्सपर्ट ने बताई वजह
मोरबी का केबल सस्पेंशन ब्रिज 20 फरवरी 1879 को शुरू किया गया था। 143 साल पुराना होने से इसकी कई बार मरम्मत हो चुकी है। हाल ही में 2 करोड़ रुपए की लागत से 6 महीने तक ब्रिज का रेनोवेशन हुआ था। गुजराती नव वर्ष यानी 26 अक्टूबर को ही यह दोबारा खुला था, लेकिन बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के इसे खोला गया। फोरेंस‍िक सूत्र के अनुसार, ब्रिज का पुराना केबल भारी दबाव के कारण टूटा।

5. बयानबाजी: मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, चुनाव कराया जाए
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और राज्य में चुनाव हों। घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल का ठेका क्यों दिया गया? इसका मतलब यह है कि कंपनी का भाजपा से लिंक है। कंपनी और मालिक का नाम FIR में नहीं लिखा।

मोरबी हादसे पर देशभर में शोक, 2 तस्वीरें...

जम्मू के शिक्षा निकेतन स्कूल के स्टूडेंट्स ने मोरबी हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
जम्मू के शिक्षा निकेतन स्कूल के स्टूडेंट्स ने मोरबी हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती के दौरान मोरबी हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते श्रद्धालु।
वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती के दौरान मोरबी हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते श्रद्धालु।

किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी की कोख... तस्वीर सब बयां कर रही

सोमवार सुबह सामने आई ये तस्वीर मोरबी जिला अस्पताल की है। यहां हादसे में मारे गए लोगों की बॉडीज रखी गई हैं। इनमें से एक शव अकड़ गया था।
सोमवार सुबह सामने आई ये तस्वीर मोरबी जिला अस्पताल की है। यहां हादसे में मारे गए लोगों की बॉडीज रखी गई हैं। इनमें से एक शव अकड़ गया था।

मोरबी हादसे में किसी ने औलाद खो दी, किसी ने जीवन साथी। किसी की कोख में ही उसकी औलाद की कब्र बन गई। किसी के अपने उसकी आंखों के सामने डूब गए। सोमवार को हर ओर ऐसे ही मंजर दिखाई दिए। दर्द से भरी 11 कहानियां पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

रविवार शाम हादसे की कुछ तस्वीरें...

पुल टूटने के बाद सबसे पहले बचाव के लिए स्थानीय लोग ही पहुंचे।
पुल टूटने के बाद सबसे पहले बचाव के लिए स्थानीय लोग ही पहुंचे।
पुल के पास मौजूद लोगों ने डूबते लोगों को बचाया और शव बाहर निकाले।
पुल के पास मौजूद लोगों ने डूबते लोगों को बचाया और शव बाहर निकाले।
ये तस्वीर रविवार रात करीब 10 बजे की है। इस समय तक NDRF, SDRF, आर्मी और वायुसेना की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट चुकी थीं।
ये तस्वीर रविवार रात करीब 10 बजे की है। इस समय तक NDRF, SDRF, आर्मी और वायुसेना की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट चुकी थीं।
तस्वीर मोरबी के GMERS अस्पताल पर रात 11 बजे ली गई है। यहां लोगों की भीड़ और एंबुलेंस नजर आ रही हैं।
तस्वीर मोरबी के GMERS अस्पताल पर रात 11 बजे ली गई है। यहां लोगों की भीड़ और एंबुलेंस नजर आ रही हैं।
यह तस्वीर मोरबी अस्पताल की है। इसमें एक मृतक का हाथ नजर आ रहा है।
यह तस्वीर मोरबी अस्पताल की है। इसमें एक मृतक का हाथ नजर आ रहा है।
पुल हादसे में मारे गए लोगों के शव। पास में बैठे उनके परिजन। रविवार रात तक कई लोग शवों में अपनों को तलाशते रहे।
पुल हादसे में मारे गए लोगों के शव। पास में बैठे उनके परिजन। रविवार रात तक कई लोग शवों में अपनों को तलाशते रहे।

143 साल पुराना है ब्रिज, मोरबी के राजा यहीं से दरबार जाते थे
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 143 साल पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। पुल बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था।

ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्सल सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है।

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