बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने महज 5 मिनट बात की। सुबह 11 बजकर 3 मिनट पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई शुरू की और 11 बजकर 8 मिनट पर सुनवाई खत्म कर दी।
इसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदालत, यानी बनारस कोर्ट, जहां सुनवाई हो रही है, वो इस मामले पर कोई भी एक्शन लेने से बचे। साथ ही कोर्ट ने कहा कल तक इस मामले में सुनवाई टाल दें। कल, यानी शुक्रवार को 4 बजे एक जज एलएन राव का फेयरवेल है, उससे पहले 3 बजे इस मामले पर सुनवाई करेंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच में सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट में हिंदू पक्ष ने कहा कि हमने अभी हलफनामा दाखिल नहीं किया है, इसलिए और वक्त दिया जाए, जिसके पर कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि आपको कोई दिक्कत है?
इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है, बस लोअर कोर्ट में दीवार तोड़ने और वजूखाने को लेकर सुनवाई होनी है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि हम ऑर्डर जारी कर रहे हैं कि कोई भी एक्शन वाराणसी लोअर कोर्ट से ना लिया जाए।
इस याचिका पर मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने याचिका सुनते हुए 3 अहम बातें कही थी...
वाराणसी लोअर कोर्ट ने दिया था सर्वे का निर्देश
वाराणसी कोर्ट ने 16 अप्रैल को दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह और बनारस की रहने वाली लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की याचिका पर सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त किया था।
18 अगस्त 2021 को चारों महिलाओं ने एक याचिका दाखिल की, जिसमें कहा गया था कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी-देवताओं का स्थान है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए।
पिछले 33 दिनों से ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुर्खियों में है। ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ी इन खबरों को भी आप पढ़ सकते हैं...
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