भारत में कोरोना के लगातार बढ़ते केस और हालात पर काबू नहीं पाने की वजह से केंद्र सरकार लोगों के निशाने पर है। इसी के मद्देनजर केंद्र के कहने पर फेसबुक से विवादित हैशटैग हटाने से जुड़ी अमेरिका मीडिया वॉल स्ट्रीट जरनल की रिपोर्ट का सरकार ने खंडन किया है।
सरकार ने कहा कि पोर्टल की रिपोर्ट पूरी तरह से भ्रामक है और गलत इरादे से पेश की गई है। सरकार ने ऐसे किसी भी हैशटैग को हटाने के लिए निर्देश जारी नहीं किए थे। वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने भी माना है कि उससे गलती से यह हैशटैग रिमूव हो गया था, जिसे बाद में रीस्टोर भी कर दिया गया।
क्या है मामला
देश में कोरोना के हालात के बीच सरकार की लाचारी पर सोशल मीडिया के जरिए लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर #ResignModi हैशटैग चलाया गया। इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग की गई। इस ट्रेंड को अचानक ही 28 अप्रैल को Facebook ने ब्लॉक कर दिया।
पश्चिम बंगाल में अंतिम चरणों का मतदान शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले लगे इस ब्लॉक पर विवाद शुरू हो गया। विवाद बढ़ता देख फेसबुक ने कुछ घंटों बाद उस हैशटैग को दोबारा रीस्टोर कर दिया। इसी से जुड़ी रिपोर्ट में अमेरिकी मीडिया ने दावा किया था कि इसे सरकार के निर्देश के बाद हटाया गया।
फेसबुक की सफाई
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की प्रवक्ता ने इस बारे में बताया कि हैशटैग #ResignModi को गलती से ब्लॉक कर दिया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी सफाई दी कि भारत सरकार के कहने पर यह कदम नहीं उठाया गया और न ही उनके कहने पर इसे दोबारा रीस्टोर किया गया। फेसबुक ने इसे महज एक गलती करार दिया है।
उन्होंने बताया कि फेसबुक कई कारणों से हैशटैग को समय-समय पर ब्लॉक करता है, कुछ मैनुअली ब्लॉक किए जाते हैं तो ज्यादातर ऑटोमैटिक इंटरनल गाइडलाइन्स के आधार पर ब्लॉक होते हैं। यह गलती उस लेबल के साथ जुड़े कंटेंट की वजह से हुई, हैशटैग की वजह से नहीं।
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