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वायुसेना में तेजस मार्क-2 के 6 स्क्वाड्रन बनेंगे:नया एयरक्राफ्ट ब्रह्मोस और लेजर गाइडेड बमों से लैस होगा, हवा और जमीन पर हमला कर सकेगा

नई दिल्लीएक वर्ष पहले
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देश में बने फाइटर एयरक्राफ्ट तेजस का एडवांस्ड वर्जन जल्द ही वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि वायुसेना हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के एडवांस्ड वर्जन तेजस मार्क-2 के छह स्क्वॉड्रन बनाए जाएंगे। एयरफोर्स इनके लिए जरूरी 108 प्लेन खरीदने का फैसला कर चुकी है। वायुसेना तेजस मार्क-1A के चार स्क्वाड्रन के लिए पहले ही ऑर्डर दे चुकी है।

तेजस मार्क-2 फाइटर मौजूदा मार्क-1 की तुलना में न सिर्फ ताकतवर है, बल्कि इसमें लगे अटैकिंग सिस्टम भी बेहद एडवांस्ड हैं। एयरक्राफ्ट का नया वर्जन ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा। इसमें मिराज-2000 की तरह लेजर गाइडेड बम भी फिट होंगे। इससे नया तेजस दुश्मन पर हवा से लेकर जमीन तक हमला कर सकेगा।

पांचवी जनरेशन के स्वदेशी एयरक्राफ्ट भी मिलेंगे
तेजस मार्क-2 का प्रोडक्शन शुरू होने के बाद वायुसेना ज्यादा संख्या में इस फाइटर के लिए ऑर्डर देगी। LCA मार्क-2 फाइटर एयरक्राफ्ट एक दशक के बाद मिराज 2000 और जगुआर फाइटर्स को रिप्लेस करेंगे। इसके बाद पांचवीं जनरेशन के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के कम से कम सात स्क्वाड्रन को वायुसेना में शामिल करने का प्लान है।

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि वायुसेना में तेजस मार्क-2 के बाद AMCA के सात स्कॉड्रन बनाए जाएंगे।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि वायुसेना में तेजस मार्क-2 के बाद AMCA के सात स्कॉड्रन बनाए जाएंगे।

तेजस मार्क-2 दुश्मनों पर ज्यादा आक्रामक होगा

  • डिजाइन के मामले में तेजस फाइटर डेल्टा विंग एयरक्राफ्ट की श्रेणी में आता है। यानी, हमला होने पर इसके क्रैश होने की संभावना कम होगी। तेजस मार्क-2 के विंग्स मार्क-1 की तुलना में 30 सेंटीमीटर बड़े हैं।
  • नए मॉडल में विमान के विंग्स के आगे दोनों ओर कनॉट दिए गए हैं, जिससे विमान दुश्मन के फायरिंग अटैक से बच सकेगा। यह खासियत तेजस के मौजूदा वर्जन यानी मार्क-1 में नहीं थी।
  • इसे मीडियम वेट फाइटर्स की श्रेणी में रखा गया है, जबकि मार्क-1 लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट कैटेगरी में है। बढ़े हुए वजन की वजह एडवांस्ड रेडार और एडिशनल क्षमता के लिए किए गए जरूरी बदलाव हैं।
  • नया वर्जन 56 हजार से अधिक फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। तेजस मार्क-1 की फ्लाइंग सीलिंग 50 हजार फीट की है। अतिरिक्त ऊंचाई से दुश्मन पर हमला बोलने में मदद मिलेगी।
  • मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम है। यदि पीछे से कोई मिसाइल अटैक होगा, तो विमान बैक साइड में इतना घना धुआं छोड़ देगा कि दुश्मन की मिसाइल कन्फ्यूज हो जाएगी और उसका निशाना चूक जाएगा।
  • कॉकपिट में वाइस कमांड भी दिया गया है। अगर पायलट को बटन पुश करने का समय नहीं है, तो वह आवाज देकर ही मिसाइल अटैक कर सकता है। दावा है कि यह अटैक में राफेल से ज्यादा असरदार होगा।
लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस को DRDO ने डिजाइन किया है और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इसे बनाता है।
लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस को DRDO ने डिजाइन किया है और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इसे बनाता है।

तेजस मार्क-2 में लगाए जाएंगे खतरनाक हथियार
तेजस के एडवांस्ड वर्जन मार्क-2 में जहां 11 हार्ड पॉइंट होंगे, वहीं इसमें लगने वाले हथियार हवा से जमीन तक हमला कर सकेंगे। इनके अलावा विमान में हमले के समय खुद को बचाने की क्षमता भी मौजूद रहेगी। नए तेजस में ये हथियार लगाए जाएंगे..

  • एयर टू एयर मिसाइल (ब्रह्मोस)
  • एयर टू सरफेस मिसाइल
  • 30 MM गन
  • एंटी रेडिएशन कोटिंग
  • एयर वैपन ऑपरेटिंग सिस्टम
  • लेजर गाइडेड बम
वायुसेना में मल्टीरोल फाइटर तेजस मार्क-1 के दो स्क्वॉड्रन शामिल किए गए हैं, जो तमिलनाडु के सिलूर में तैनात हैं।
वायुसेना में मल्टीरोल फाइटर तेजस मार्क-1 के दो स्क्वॉड्रन शामिल किए गए हैं, जो तमिलनाडु के सिलूर में तैनात हैं।

हवा में मार करने वाले सिस्टम भी देश में ही बनेंगे
एयर चीफ मार्शल चौधरी के मुताबिक भारतीय वायुसेना में भविष्य में केवल मेक इन इंडिया योजना के तहत बने एयरक्राफ्ट ही शामिल किए जाएंगे। इनमें LCA मार्क-1ए, LCA मार्क-2 और AMCA शामिल होंगे। एयरफोर्स में 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। IAF ने यह भी फैसला किया है कि फ्यूचर में सभी सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियां भी भारत में बनाई जाएंगी। अभी ऑपरेशनल एरिया में बड़ी संख्या में स्वदेशी रडार तैनात किए जा चुके हैं।

सुलूर में तेजस लड़ाकू विमान का स्क्वाड्रन तैनात
तमिलनाडु के सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर जुलाई 2018 में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की स्क्वॉड्रन नंबर 45 फ्लाइंग डैगर्स की तैनाती की गई। यह तेजस उड़ाने वाली पहली स्क्वॉड्रन है। इससे पहले यह बेंगलुरु में तैनात थी और यहीं तेजस को 2016 में शामिल किया गया था।