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मोरबी हादसे में बेटे के डर ने बचाई जान:अगर 9 साल का नेत्र न रोया होता तो मच्छू नदी में समा जाता पूरा परिवार

मोरबी5 महीने पहले

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम सस्पेंशन ब्रिज गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई, वहीं, अब भी कई लोग लापता हैं। हादसे में एक साथ कई परिवार खत्म हो गए। जबकि कुछ परिवार किस्मत वाले भी रहे, जो हादसे के ठीक पहले ब्रिज से उतर गए थे, जिससे उनकी जान बच गई। इन्हीं में एक परिवार अमरेली में रहने वाले सागर मेहता का भी है, जो बेटे के रोने के चलते हादसे के ठीक पहले ब्रिज से नीचे उतर गया था। आगे पढ़िए, सागर की जुबानी उनकी कहानी...

परिवार के साथ सेल्फी लेते सागरभाई (दाईं तरफ)।
परिवार के साथ सेल्फी लेते सागरभाई (दाईं तरफ)।

बेटा रोने लगा तो पुल से नीचे उतर गए
मोरबी हादसे के करीब आधा घंटे पहले ही हम झूलता पुल पर पहुंचे थे। हम सभी मस्ती कर रहे थे, लेकिन पुल के हिलने से मेरा छोटा बेटा नेत्र डर गया और रोने लगा। इसी दौरान हमने सेल्फी भी ली। बेटे ने रोना बंद नहीं किया तो हम नीचे उतर गए और दूसरी जगह चल पड़े।

मुश्किल से 10 मिनट ही हुए होंगे कि हमें पुल गिर जाने की खबर मिली। जब हमने सुना कि पुल पर मौजूद सभी लोग मच्छू नदी में गिर गए हैं तो हम सभी के रोंगटे खड़े हो गए, क्योंकि हमने खुद ही देखा था कि उस समय ब्रिज पर कितनी ज्यादा भीड़ थी।

बेटे के चलते सही सलामत घर पहुंच गया परिवार।
बेटे के चलते सही सलामत घर पहुंच गया परिवार।

मोरबी में रिश्तेदार के यहां आए थे सागरभाई
सागर भाई ने आगे बताया, 'रविवार की छुट्टी के चलते मैं पत्नी और दोनों बेटों के साथ मोरबी में रहने वाले एक रिलेटिव के घर गया था। तभी हमारा ब्रिज पर घूमने का प्लान बन गया। दो रिलेटिव भी साथ थे। हादसे के 5 मिनट बाद ही हमारे पास रिश्तेदारों के फोन आने शुरू हो गए थे। उनसे ही पुल गिरने की खबर मिली। हमारे ब्रिज से उतरने के करीब 10 मिनट बाद ही यह हादसा हुआ।'

6 महीने के रेनोवेशन के बाद 26 अक्टूबर को खोला गया था ब्रिज।
6 महीने के रेनोवेशन के बाद 26 अक्टूबर को खोला गया था ब्रिज।

जीवन भर नहीं भूल पाएंगे इस सेल्फी को
सागर भाई बताते हैं कि ब्रिज से नीचे उतरते ही मैंने अपनी सेल्फी सोशल मीडिया में शेयर कर दी थी। कुछ रिश्तेदारों ने इसे देख लिया था। इससे ही उन्हें मालूम हुआ कि हम सस्पेंशन ब्रिज पर हैं। जब उन्हें हादसे की सूचना मली तो उन्होंने तुरंत हमें फोन लगाने शुरू कर दिए। हम इस सेल्फी को पूरी जिंदगी नहीं भूल पाएंगे, जिसमें छोटा बेटा रोता हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि उसी की वजह से हम आज जिंदा हैं।

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हादसे के बाद अब तक लापता लोगों की तलाश जारी है।
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गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी का केबल ब्रिज गिरने से मरने वालों की संख्या 135 हो चुकी है। इनमें 50 से ज्यादा बच्चे हैं। मौत के इन डराने वाले आंकड़ों के बीच इस घटना के जिम्मेदारों को बचाने का खेल भी शुरू हो गया है। सोमवार को पुलिस ने इस केस में जिन 9 लोगों को गिरफ्तार किया, उनमें ओरेवा के दो मैनेजर, दो मजदूर, तीन सिक्योरिटी गार्ड और दो टिकट क्लर्क शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

मोरबी हादसा-मातम के बीच स्वागत

पीएम मोदी के अस्पताल आने के चलते अस्पताल का रंग-रोगन किया जा रहा है।
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गुजरात में बुधवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज मोरबी में मृतकों के परिजनों और घायलों से मुलाकात करेंगे। उनके मोरबी दौरे से पहले रातों-रात सिविल अस्पताल का रंग-रोगन और मरम्मत की गई है। मरीजों के वार्ड में नए बेड और वाटर कूलर भी लगाए गए हैं। इसी अस्पताल में कल 100 शव लाए गए थे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

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सोमवार सुबह श्मशान में एक साथ पहुंचे थे 4 बच्चों के शव।
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मोरबी हादसे में किसी ने औलाद खो दी, किसी ने जीवन साथी। किसी की कोख में ही उसकी औलाद की कब्र बन गई। किसी के अपने उसकी आंखों के आगे डूब गए। कहीं मासूम परिवार में अकेला बचा, तो किसी के घर से एक साथ कई अर्थियां उठीं...पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...