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जयराम रमेश बोले-चीन पर सरकार की DDLJ पॉलिसी:कहा- फिल्म के केंद्र सरकार वाले वर्जन में विदेश मंत्री लीड रोल निभा रहे

नई दिल्ली2 महीने पहले
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि चीन पर भारत सरकार DDLJ नीति अपना रही है। जयराम ने इसे समझाया भी। उन्होंने कहा DDLJ नीति यानी Deny, Distract, Lie, Justify। उन्होंने ट्वीट किया- DDLJ के केंद्र सरकार वाले वर्जन में विदेश मंत्री एस जयशंकर लीड रोल में हैं।

जयराम रमेश का यह जवाब एस जयशंकर के उस बयान पर आया है, जिसमें जयशंकर ने राहुल की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि चीन पर कुछ लोग गलत खबरें प्रचारित कर रहे हैं।

सबसे पहले जयराम रमेश का जवाब
जयराम ने ट्विटर पर शेयर एक डॉक्यूमेंट में लिखा, "लद्दाख में चीनियों की घुसपैठ पर भारत सरकार जो नीति अपना रही है, वो DDLJ पॉलिसी है। कांग्रेस पार्टी पर विदेश मंत्री का बयान, साफ तौर पर चीन पर मोदी सरकार की असफलता से ध्यान हटाना है। सबसे ताजा खुलासा यह है कि मई 2020 से अब तक भारत ने 65 में से 25 पेट्रोलिंग स्टेशन खो दिए हैं।

फैक्ट यह है कि 1962 से अब तक के बीच कोई तुलना नहीं है, जब भारत ने अपनी जमीनों को बचाने के लिए जंग लड़ी थी। 2020 के बाद भारत ने चीन की घुसपैठ को चुपचाप स्वीकार कर लिया और डिसइंगेजमेंट के नाम पर इसे नकार भी दिया। इस दौरान भारत ने अपनी हजारों किलोमीटर जमीन खो दी। 2017 में जब राहुल गांधी ने चीन के एम्बेसडर से मुलाकात की थी, तब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनके खिलाफ ओछी बयानबाजी की थी। क्या विपक्ष के नेता किसी ऐसे देश के राजदूत से नहीं मिल सकते, जो व्यापार, निवेश, सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हो?

इस मसले पर मोदी सरकार को शुरू से एकदम स्पष्ट रहना चाहिए था। अपोजिशन लीडर्स को भरोसे में लेना था और इस मुद्दे पर संसदीय कमेटियों में चर्चा करनी चाहिए थी। कम से कम मुख्य राजनीतिक दलों को इसके बारे में डिटेल्ड ब्रीफिंग तो देनी ही चाहिए थी।

ये आश्चर्यजनक है कि एस जयशंकर ने कई मौकों पर यह कहा कि चीन इतना आक्रामक क्यों हो रहा है, इसका उन्हें कोई अंदाजा नहीं है। जयशंकर की यह बात तब सही नहीं लगती है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच लगातार संपर्क हो रहा हो और मोदी कह रहे हों कि जिनपिंग के साथ उनके खास प्लस वन रिलेशनशिप हैं।'

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कुछ लोग हैं विपक्ष में, जो अपने मतलब से चीन मसले पर गलत खबर और सूचनाएं प्रचारित कर रहे हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कुछ लोग हैं विपक्ष में, जो अपने मतलब से चीन मसले पर गलत खबर और सूचनाएं प्रचारित कर रहे हैं।

जयशंकर ने कहा था- चीन पर लोग झूठे बयान फैला रहे
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के मसले पर कुछ राजनीतिक दलों के नेता और लोगों का भरोसा भारत पर से उठ रहा है। कुछ लोग हैं विपक्ष में, जो अपने मतलब से चीन मसले पर गलत खबर और सूचनाएं प्रचारित कर रहे हैं। अगर आप मुझसे पूछेंगे कि उन लोगों को भरोसा क्यों नहीं है और वो लोगों को भ्रमित क्यों कर रहे हैं, चीन के बारे में गलत खबर क्यों फैला रहे हैं तो मैं इन सवालों का जवाब कैसे दे सकता हूं? मैं जानता हूं कि वो राजनीति कर रहे हैं। वो ऐसी खबरें फैला रहे हैं, जिनके बारे में उन्हें भी पता है कि ये झूठी हैं।

संसद में चीन पर चर्चा से सरकार का इनकार
केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि चीनी घुसपैठ से संबंधित मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को सर्वदलीय बैठक में बहुजन समाज पार्टी ने चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया और संसद में चर्चा कराने की मांग की।

हालांकि पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक में 37 पार्टियों के 27 नेता शामिल हुए। बैठक अच्छी रही। मैं सदन को ठीक ढंग से चलाने के लिए विपक्ष का सहयोग चाहता हूं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।'

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दिग्विजय ने कहा था- सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत नहीं दिए

जम्मू-कश्मीर में सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान स्पीच देते दिग्विजय सिंह।
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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया था। उन्होंने जम्मू में कहा था कि सरकार ने अब तक सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत नहीं दिया है। केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करती है कि हमने इतने लोग मार गिराए हैं, लेकिन सबूत कुछ नहीं है।

दिग्विजय ने सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर भी प्रधानमंत्री को घेरा। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पुलवामा हमले के वक्त CRPF अफसरों ने कहा था कि जवानों को एयरक्राफ्ट से मूवमेंट कराया जाए, पर प्रधानमंत्री नहीं माने। पूरी खबर यहां पढ़ें...

राशिद अल्वी बोले-सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो दिखाओ

राशिद अल्वी ने सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी करने की मांग की थी।
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कांग्रेस नेता राशिद अल्वी भी दिग्विजय सिंह के समर्थन में उतर आए थे। उन्होंने सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी करने की मांग की थी। अल्वी ने कहा था कि हमें सेना पर गर्व है, लेकिन सरकार पर भरोसा नहीं। सर्जिकल स्ट्राइक पर BJP नेताओं के बयानों में असमानता है। सरकार कहती है कि हमारे पास सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो है तो उसे जारी क्यों नहीं कर देती। पूरी खबर यहां पढ़ें...