भारत-चीन सीमा के बीच लंबे समय से तनाव जारी है। इसी बीच खबरें आ रही हैं कि चीन अक्साई चिन में अपनी सेना को भारतीय सेना से मुकाबला करने की ट्रेनिंग दे रहा है। सैन्य कमांडर की बैठक में भारत ने इस पर ऐतराज जताया है। शुक्रवार को लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा तनाव को खत्म करने के लिए फिर चर्चा हुई। इस दौरान खास तौर पर एयरस्पेस उल्लंघन को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ ही दोनों देशों ने अपने इलाकों की निशानदेही स्पष्ट रखने पर भी जोर दिया है।
अब तक दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका। पिछले महीने दोनों देशों के बीच 16वें दौर की बैठक हुई थी, 13 घंटे तक चली इस बैठक के एक दिन बाद दोनों पक्षों ने संयुक्त बयान जारी किया था। कहा गया कि यह बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता बहाल करने में मददगार साबित होगी। साथ ही दोनों पक्षों के रिश्ते भी बेहतर होंगे।
चीन सीमा पर कर चुका है चिढ़ाने वाली हरकतें
हाल ही में भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन चिढ़ाने वाली हरकतें कर रहा है। वह यहां युद्धाभ्यास कर रहा है। उसने हमारी फौज के करीब से एक एयरक्राफ्ट गुजारा। वायुसेना सक्रिय हुई तो एयरक्राफ्ट भाग गया। यह घटना जून के आखिर की है। भारत ने इस घटना को लेकर चीन के सामने कड़ा ऐतराज जताया था। साथ ही भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत भी दी थी। चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने भी अपनी मिसाइलों को एक्टिव कर दिया था।
गलवान में 15 जून 2020 की रात हुई थी हिंसक झड़प
इस दिन गलवान में हमारे ग्राउंड ट्रूप्स पर दबाव था। चीन पर भी दबाव था। चीन की सेना उस साइट पर बैठी हुई थी तो भारतीय सेना ने उनसे वापस जाने को कहा। हालांकि वो लोग मान गए, पर विवाद शुरू हुआ चीनी हरकत से। चीन ने दो टेंट लगाए, जो ऑब्जर्वेशन पोस्ट की तरह थे। चीनी सैनिकों ने तर्क दिया कि अगर हम वापस चले गए तो आपकी गतिविधियों पर नजर नहीं रख पाएंगे।
भारतीय सेना ने इसी का विरोध किया और झड़प शुरू हो गई। चीनी सैनिक हथियार से लैस थे और भारतीय सेना पुरानी प्रैक्टिस के तहत वहां पहुंची थी। इस झड़प के बाद 30 जून के आसपास दोनों पक्षों में बात हुई और चीन वहां से एक किलोमीटर पीछे हट गया। भारत अपनी पोस्ट पर वापस आ गया था।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.