लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी सेना की तैयारियों को देखते हुए भारतीय सेना ने ईस्टर्न लद्दाख एरिया में 15 हजार नए सैनिकों को तैनात कर दिया है। खास बात यह है कि ये सैनिक जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन का हिस्सा थे। काउंटर टेररिज्म डिवीजन के इन जवानों को पिछले कुछ महीनों में तैनात किया गया है। ये लेह में तैनात 14 कॉर्प्स की मदद कर रहे हैं।
सरकार से जुड़े सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि इससे पहले कि चीन वहां आक्रामकता दिखाने के कोशिश करे, उससे निपटने के लिए लगभग 15,000 सैनिकों की डिवीजन को आतंकवाद विरोधी अभियानों से हटाकर लद्दाख एरिया में ले जाया गया है।
सेना को स्थिति मजबूत करने में मदद मिली
नई डिवीजन की तैनाती से सेना को उत्तरी सीमाओं पर अपनी स्थिति को और मजबूत बनाने में मदद मिली है। इसके आने से सेना अपनी यूनिट्स को रिजर्व रख सकती है। सुगार सेक्टर में तैनात सेना की रिजर्व यूनिट्स को पहाड़ी इलाकों में जंग के लिए तैयार किया जाता है। इसके लिए हर साल लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानी इलाकों में वॉर एक्सरसाइज कराई जाती है।
पिछले साल से चीन के साथ चल रहे तनाव के बाद से ही सेना की रिजर्व यूनिट LAC पर फॉरवर्ड पोजिशन पर तैनात है। भारत ने ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में लगभग 50,000 सैनिकों को तैनात किया है। इससे सैनिकों की संख्या पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हो गई। 1962 के युद्ध के बाद पहली बार LAC पर भारतीय सैनिकों की संख्या 2 लाख के करीब हो गई है। यहां चीन के भी करीब इतने ही सैनिक मौजूद हैं।
अब सेना की 5 डिवीजन तैयार
चीनी सेना की एक्टिविटी को देखते हुए लेह में 14 कॉर्प्स के पास अब दो डिवीजन हैं। ये कारू की 3 डिवीजन के साथ चीन सीमा की निगरानी में हैं। कुछ एक्स्ट्रा आर्मर्ड यूनिट्स भी उस इलाके में तैनात की गई हैं, जहां पिछले साल से भारी सैन्य जमावड़ा है।
पिछले साल अप्रैल से तनाव बरकरार
पिछले साल अप्रैल-मई में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सामने वाले इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने चीन को जवाब देने के लिए इस इलाके में लगभग उसी के बराबर संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया। हालात इतने खराब हो गए कि 4 दशकों से ज्यादा वक्त बाद LAC पर पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही भारतीय सेना LAC पर हाई अलर्ट पर है और अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। हालांकि, पैंगॉन्ग झील के दोनों किनारों से सैनिकों की वापसी हुई है, लेकिन तनाव बना हुआ है। गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स एरिया में तनाव वाली जगहों से दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
चीन बना रहा नया एयरबेस
चीन पूर्वी लद्दाख के करीब झिंजियांग प्रांत के शाक्चे शहर में लड़ाकू विमानों का नया बेस तैयार कर रहा है। ये निर्माण भारत के काशगर और होगन के मौजूदा फाइटर एयरबेस को टारगेट कर बनाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, शाक्चे में पहले से एयरबेस बना हुआ था, लेकिन चीन इसे अब अपने फाइटर प्लेन के हिसाब से डेवलप कर रहा है।
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