ओमिक्रॉन के देश में दस्तक देने के बाद एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि 33 दिनों बाद देश में फिर से 10 हजार से ज्यादा मामले रिपोर्ट होने शुरू हुए हैं। पिछले 24 घंटे में देश में 13 हजार से ज्यादा कोरोना केस दर्ज किए गए हैं। ऐसे में देश को अलर्ट रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते से देश में रोजाना 8 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। 26 दिसंबर के बाद से देश में रोजाना 10 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र और केरल में 10,000 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं।
चिंता बढ़ा रहे हैं 7 राज्य
फिलहाल महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात में एक हफ्ते के केस और पॉजिटिविटी रेट ज्यादा होने की वजह से यह चिंता बढ़ाने वाले राज्य और प्रदेश बनते जा रहे हैं। महाराष्ट्र में 9 दिसंबर के हफ्ते में पॉजिटिविटी 0.76% थी, वो एक महीने में बढ़कर लगभग 2.59% हो गई है। पश्चिम बंगाल में भी 1.61% केस पॉजिटिविटी अब बढ़कर लगभग 3.1% हो गई है। ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा मामले वाले राज्यों में भी दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात शामिल हैं।
8 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा
वहीं, मिजोरम के 6 जिलों में और अरुणाचल प्रदेश और बंगाल के एक-एक जिले में एक हफ्ते का पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है। 14 जिलों में एक हफ्ते में केस मिलने का पॉजिटिविटी रेट 5-10% के बीच है। देश में ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट 0.92% है।
बुजुर्गों को प्रिकॉशनरी डोज के लिए SMS भेजेगी सरकार
अग्रवाल ने कहा कि देश में करीब 90% वयस्क आबादी को कोरोना की पहली डोज लग गई है। जिन बुजुर्गों को प्रिकॉशन डोज लगनी है, उन्हें सरकार SMS भेजकर याद दिलाएगी कि 10 जनवरी से डोज लगनी शुरू होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के इंफेक्शन के बाद इम्युनिटी करीब 9 महीने तक रहती है।
इंफेक्शन की गंभीरता कम करेगी प्रिकॉशनरी डोज
वैक्सीन की इफेक्टिवनेस के बारे में बताते हुए ICMR के डायरेक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि सभी कोरोना वैक्सीन, चाहे वे भारत में बनी हों या इजराइल, अमेरिका, यूरोप या चीन से आई हों, वे वायरस में बदलाव करने का काम करती हैं। वे इंफेक्शन नहीं रोकतीं। प्रिकॉशनरी डोज का काम होगा इंफेक्शन की गंभीरता को कम करना, हॉस्पिटलाइजेशन और मौत का खतरा कम करना।
उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन लगने के पहले और बाद में मास्क लगाना बेहद जरूरी है। भीड़ जुटाने से भी बचना चाहिए। कोरोना के पिछले वैरिएंट जैसे ही इस वैरिएंट में भी ट्रीटमेंट की गाइडलाइन एक-जैसी रहेंगी। होम-आइसोलेशन भी ट्रीटमेंट का अहम हिस्सा रहेगा।
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