लंबे समय बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार की गुंजाइश नजर आ रही है। पिछले 3 महीने से भारत और पाकिस्तान के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LoC) फायरिंग नहीं हुई है। इसे दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार का पहला कदम कहा जा सकता है। ये बात आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को PTI को दिए इंटरव्यू में कही।
सेना प्रमुख ने कहा, 'बॉर्डर पर लगातार कम होती घुसपैठ और आतंकी घटनाओं से दोनों देशों के संबंधों में सुधार होगा। जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि वहां पिछले एक साल के अंदर हिंसा के मामलों में तेजी से गिरावट देखी गई है। हम आतंकियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। उनकी हथियारों की सप्लाई ब्लॉक कर रहे हैं। कश्मीर में आतंकी घटनाओं के कम होने से पता चलता है कि पाकिस्तान रिश्तों में सुधार चाहता है।
कश्मीर के टैलेंट को दे रहे प्लेटफॉर्म
जनरल नरवणे ने कहा कि पहले कश्मीर के युवा हथियार और ड्रग्स की तस्करी में बड़ी तादद में शामिल रहते थे, लेकिन हमने इन घटनाओं पर लगातार नजर रखीं और युवाओं को इस चंगुल से छुड़ाया। यहां के युवा प्रतिभावान हैं। स्पोर्ट्स और पढ़ाई दोनों में ही कई युवाओं ने अपना टैलेंट दिखाया है। आर्मी ऐसे इंवेंट्स भी कराती रहती है, जिसमें उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले। सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर के लोग भी आतंकवाद से परेशान हैं। स्थानीय युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल होने की घटनाओं में भारी कमी आई है। इससे पता चलता है कि कश्मीर का आम आदमी शांति चाहता है।
2003 में हुआ था सीजफायर समझौता
उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर गोलीबारी के कारण आम लोगों की मौतें हो रही थीं। इसलिए 2003 के सीजफायर को लागू करने का निर्णय लिया गया। जितने लंबे समय तक सीजफायर चलेगा, दोनों देशों के रिश्ते उतने ज्यादा मजबूत होंगे। भारत सीजफायर को जारी रखना चाहता है और रखेगा भी। शांति कायम करने में सीजफायर समझौते की निश्चित ही बड़ी भूमिका होगी। 25 फरवरी 2021 को भारत और पाकिस्तान की आर्मी ने घोषणा की थी कि दोनों देश 2003 में लागू किए गए सीजफायर समझौते का पालन करेंगे।
कश्मीर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहता था पाकिस्तान
अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू और कश्मीर का स्पेशल स्टेटस हटा दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान इसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश में लगा हुआ था, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सका। भारत ने पाकिस्तान से तब भी कहा था कि नई दिल्ली, इस्लामाबाद के साथ अच्छे रिश्ते चाहती है। हम आतंकवाद मुक्त माहौल चाहते हैं।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का जाना चिंताजनक
जनरल नरवने ने कहा कि सीजफायर का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी। 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के वापस जाने पर सेना प्रमुख ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उनकी इच्छा न हो या वे सेना को अफगानिस्तान में रखने में सक्षम न हों, लेकिन अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का जाना चिंताजनक है।
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