भारतीय नौसेना ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक मिसाल कायम की है। सोमवार को नौसेना के पायलटों ने पहली बार मेड इन इंडिया INS विक्रांत पर दो लड़ाकू विमानों की सफल लैंडिंग की। नौसेना ने बयान जारी कर बताया कि हमने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और मिग-29K से सफल टेक ऑफ और लैंडिंग की है। यह स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ एयरक्राफ्ट कैरियर के डिजाइन, डेवलपमेंट, प्रोडक्शन और ऑपरेशन करने में भारत की ताकत को दिखाता है।
भारतीय नौसेना के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एस.एन. घोरमाडे ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल और बड़ी उपलब्धि है। बता दें कि PM नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर 2022 को कोच्चि शिपयार्ड में भारत के पहले मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को नौसेना में शामिल किया था। इसके साथ ही भारत 40,000 टन से अधिक श्रेणी के एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता रखने वाले देशों में शामिल हो गया।
देश में बना सबसे बड़ा युद्धपोत है INS विक्रांत, 1600 क्रू, 30 विमान हो सकते हैं तैनात
INS विक्रांत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड यानी CSL ने किया है। इसे वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है, जिसे पहले नौसेना डिजाइन निदेशालय के रूप में जाना जाता था। ये भारतीय नौसेना का इन-हाउस डिजाइन ऑर्गेनाइजेशन है।
45 हजार टन वजनी INS विक्रांत भारत में बना सबसे बड़ा वॉरशिप है। ये INS विक्रमादित्य के बाद देश का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर है। विक्रमादित्य को रूसी प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया था।
INS विक्रांत के साथ भारत दुनिया के उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर को डिजाइन करने और उसे बनाने में सक्षम हैं। इसमें फ्यूल के 250 टैंकर और 2400 कंपार्टमेंट्स हैं। इस पर एक बार में 1600 क्रू मेंबर्स और 30 विमान तैनात हो सकते हैं।
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दिसंबर 2023 तक युद्ध के लिए तैयार होगा INS विक्रांत
कई खूबियों से लैस मेड इन इंडिया INS विक्रांत के रूप में नेवी को देश में बना अपना सबसे बड़ा युद्धपोत मिल गया, लेकिन ये युद्ध के लिए तैयार करीब 15 महीने बाद, यानी 2023 के अंत तक हो पाएगा। नेवी के वाइस चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने बयान जारी कर बताया था कि नेवी MiG-29K फाइटर प्लेन की विक्रांत पर लैंडिंग का ट्रायल नवंबर 2022 में शुरू करेगी। पढ़ें पूरी खबर...
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