जम्मू-कश्मीर के उत्तरी सोपोर की 10 साल की सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अक्सा मसरत यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (UNESCO) में बोलेंगीं। उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ कैरोलीना ने एक इंटरनेशनल फोरम ने बोलने के लिए निमंत्रण दिया है।
इस फोरम में दुनियाभर के कई सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्ज शामिल होंगे, जहां आज के युवा पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर बात होगी। अक्सा मसरत वर्चुअली इस इवेंट में शामिल होंगीं। इस इवेंट में शामिल होने वाली वे अकेली भारतीय इंफ्लुएंसर होंगीं। सेशन को पूर्व ABC कॉरेस्पोंडेंट और यूनिसर्विटी ऑफ साउथ कैरोलीना से जर्नलिस्म एंड मास कम्युनिकेशन के ग्रैजुएट केन्नेथ मोटन मॉडरेट करेंगे।
IAS बनना चाहती हैं अक्सा, खाली समय में बनाती हैं वीडियोज
अक्सा मसरत बारामूला के शाह सरूल मेमोरियल वेल्किन सोपोर स्कूल की स्टूडेंट हैं। उन्होंने अपने वीडियोज के जरिए कश्मीर घाटी में बड़ी संख्या में फॉलोअर्स जुटाए हैं। वे न सिर्फ रोजमर्रा के मुद्दों पर वीडियो बनाती हैं, बल्कि अपने आसपास के इलाकों में लोगों की आम समस्याओं को भी हाईलाइट करती हैं।
अक्सा ने लोकल खेती और कटाई की प्रक्रिया पर भी वीडियोज बनाकर पोस्ट किए हैं। कंटेंट क्रिएशन के अलावा वे अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देती हैं। अक्सा IAS अफसर बनना चाहती हैं। अक्सा का कहना है कि उनका परिवार सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के तौर पर उनके काम को सपोर्ट करता है, हालांकि उनका फोकस पढ़ाई पर है और वे सिर्फ खाली समय में वीडियो बनाती हैं।
6 साल की उम्र में बनाया था पहला वीडियो, यूट्यूब पर 50 हजार सब्सक्राइबर्स
अक्सा जब वे सिर्फ 6 साल की थीं तब उन्होंने पहला वीडियो बनाया था। ये कश्मीर में कड़कड़ाती ठंड पड़ने के 40 दिनों- चिल्लई कलां- के बारे में था। उनके यूट्यूब चैनल ‘व्हॉट अक्सा सेस’ पर 50 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं जबकि उनके फेसबुक पेज को 60 हजार से ज्यादा लोग सब्सक्राइब करते हैं।
अक्सा ने बताया कि इंटरनेशनल फोरम से इनवाइट आना उनके लिए गर्व की बात है। उन्हें इस बात से बेहद खुशी हुई उनके काम को न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लोग सराह रहे हैं बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी उनके काम को पहचान मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई इंसान मेहनत करता है तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है।
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