बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में PIL दाखिल की है। याचिका में दावा किया गया है कि धनखड़ और रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा को कम किया है। ऐसे में दोनों को उनके आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोका जाए।
याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट यह भी घोषित करे कि दोनों के बयानों में भारत के संविधान के प्रति अविश्वास दिखता है, जिसके चलते वे संवैधानिक पदों पर रहने के योग्य नहीं हैं। बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अहमद आबिदी की ओर से यह याचिका कोर्ट में दाखिल की गई है। जल्द ही हाई कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
सिस्टम पर सवाल उठा चुके हैं कानून मंत्री
दरअसल, किरेन रिजिजू कई बार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने सीजेआई को लेटर लिखकर कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि शामिल करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और जनता के प्रति जवाबदेही भी तय होगी।
किरण रिजिजू ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है। उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट में भी जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में संबंधित राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
उपराष्ट्रपति ने SC के फैसले पर दिया था बयान
वहीं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1973 के ऐतिहासिक फैसले पर सवाल उठाए थे। इसके साथ ही दिसंबर 2022 में धनखड़ ने NJAC अधिनियम रद्द होने पर उसे लोगों के जनादेश की अवहेलना कहा था। फैसले में कोर्ट की टिप्पणी पर धनखड़ ने कहा था कि “क्या हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं” इस सवाल का जवाब देना मुश्किल होगा।
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