तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के दूसरे दिन 25 साल के बुल टैमर अरविंदराज की मौत हो गई। अरविंद पलामेडु में चल रहे जल्लीकट्टू के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे मदुरै के राजाजी सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के चलते उसकी मौत हो गई।
दूसरे दिन 800 बैल और 350 खिलाड़ी ले रहे हिस्सा
गौरतलब है कि मदुरै के तीन गांवों में रविवार से जल्लीकट्टू शुरू हो चुका है। दूसरे दिन का खेल सुबह 8 बजे से पलामेडू में चल रहा है। जिसके दोपहर तक 4 राउंड हो चुके हैं। इसमें 800 बैल और 350 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। खेल में शामिल होने डेढ़ किमी तक बैलों की लाइन लगी हुई है।
इस बीच 4 बुल टैमर, 1 बैल मालिक और 1 पुलिस इंस्पेक्टर समेत कुल 19 लोग घायल हुए हैं। 5 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
पहले दिन 60 लोग हुए थे घायल
मदुरै कलेक्टर के मुताबिक पहले दिन अवनियापुरम में हुए पहले दिन के खेल के दौरान 60 लोग घायल हुए थे। उनमें से 20 की हालत थोड़ी गंभीर है। घायलों को राजाजी अस्पताल रेफर किया गया है। मामूली रूप से घायल 40 अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर वापस भेज दिया गया।
स्वास्थ्य अधिकारी एस विनोथ कुमार ने कहा कि यह पहली बार है, जब एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और एक्स-रे यूनिट को अवनियापुरम जल्लीकट्टू मैदान में तैनात किया गया था।
पहले दिन 11 राउंड में 28 बैलों को पकड़ने वाले को मिली कार
अवनियापुरम में हुए पहले दिन के खेल में 11 राउंड हुए। जिसमें 737 सांडों और 257 खिलाड़ियों ने भाग लिया। पहले दिन का खेल शाम 5 बजे खत्म हुआ। सोलाई अलगुपुरम के विजय को इस बेस्ट बुल टैमर घोषित किया गया। उन्होंने 28 सांडों को वश में करने के लिए प्रथम पुरस्कार एक कार जीती। कथानेंदल के कामेश के बैल को सर्वश्रेष्ठ बैल घोषित किया गया। उन्हें अवॉर्ड के रूप में मोटरसाइकिल मिली।
2000 पुलिस कर्मी सुरक्षा में तैनात
कलेक्टर अनीश शेखर ने बताया कि खेल के दौरान सुरक्षा का सारा इंतजाम किया गया है। अखाड़े में सांडों, सांडों के मालिकों, खिलाड़ियों के साथ-साथ दर्शकों की सुरक्षित भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बैरिकेडिंग की गई है। हमारे 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मी कई जगहों पर तैनात हैं।
कलेक्टर अनीश ने कहा- हमें उम्मीद है किसी को कोई चोट नहीं लगेगी। यदि चोट लग जाती है, तो हम उन्हें मेडिकल सर्विस देंगे। इसलिए सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। हम जल्लीकट्टू के सुचारू आयोजन की उम्मीद करते हैं। आयोजन शाम 5 बजे तक चलेगा।
क्या है जल्लीकट्टू और क्यों मनाते हैं
जल्लीकट्टू को एरु थझुवुथल और मनकुविरत्तु के नाम से भी जाना जाता है। यह खेल पोंगल त्योहार का एक हिस्सा है। यह एक ऐसा खेल है जिसमें भीड़ के बीच एक सांड को छोड़ दिया जाता है। इस खेल में हिस्सा लेने वाले लोगों को सांड को पकड़कर उसे कंट्रोल करना होता है। जब तक वे उसका कूबड़ पकड़कर कर सकते हैं।
रविवार को जल्लीकट्टू मदुरै के अवनियापुरम में हुआ था। सोमवार को पलामेडु में चल रहा है और मंगलवार को अलंगनल्लूर में होगा।
विरोध और विवादों के चलते सीमित रखी गई संख्या
जल्लीकट्टू प्रतियोगिता में केवल 300 बुल टैमर और 150 दर्शकों को शामिल होने अनुमति दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 10 हजार बैलों और 5400 बुल टैमर्स ने रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन दी थी। इनमें से केवल 800 बैलों को ही शामिल होने की परमिशन दी गई। एक बैल तीन में से किसी एक इवेंट में ही हिस्सा ले सकता है।
जल्लीकट्टू से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...
बैल मरने पर सिर मुंडवाते हैं, मृत्युभोज देते हैं
करीब 2500 सालों से बैल तमिलनाडु के लोगों के लिए आस्था और परंपरा का हिस्सा रहा है। यहां के लोग हर साल खेतों में फसलों के पकने के बाद मकर संक्रांति के दिन पोंगल त्योहार मनाते हैं। तमिल में पोंगल का मतलब ऊफान या उबलना होता है। इसी दिन वे नए साल की शुरुआत करते हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के आखिरी दिन बैलों की पूजा होती है। उन्हें सजाया-संवारा जाता है। फिर शुरू होता है जल्लीकट्टू। पढ़ें पूरी खबर...
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.