जम्मू-कश्मीर के रामबन और रामसू के बीच नेशनल हाईवे पर गुरुवार देर रात निर्माणाधीन टनल का हिस्सा ढह गया। इस हादसे में 9 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं। मजदूरों को निकालने के लिए देर रात से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच शुक्रवार शाम को टनल के बाहर फिर से लैंडस्लाइड हो गया। इससे पहले गुरुवार देर हुए हादसे में वहां काम कर रहे एक मजदूर की मौत हो गई।
अब तक 3 मजदूरों को रेस्क्यू किया जा चुका है। मलबे में अभी भी 9 मजदूर फंसे हैं। रामबन के डिप्टी कमिश्नर मसर्रतुल इस्लाम के मुताबिक, फिर से हुए लैंडस्लाइड और तेज आंधी की वजह से बचाव कार्य में बाधा आई है। भूस्खलन के कारण गिरी पहाड़ी के मलबे में दो मशीनें दब गई हैं। इससे बचाव कार्य और बाधित हुआ है।
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खूनी नाले पर हुआ हादसा
टनल धंसने का हादसा गुरुवार रात करीब 10 बजे रामबन जिले के मेकरकोट इलाके में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे के पास खूनी नाले पर हुआ, जहां टनल बनाई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, टनल के ढहने के तुरंत बाद पुलिस और सेना ने एक संयुक्त बचाव अभियान शुरू कर दिया था। इस हादसे में सुरंग के सामने खड़े वाहनों बुलडोजर, ट्रकों सहित कई मशीनों को भी नुकसान पहुंचा है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट कर दुख जताया है। उन्होंने लिखा, 'मैं DC मुसरत इस्लाम के लगातार संपर्क में हूं। करीब 10 मजदूर मलबे में दबे हैं, अन्य 2 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है। नागरिक प्रशासन और पुलिस अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।'
ये मजदूर अभी भी लापता
लापता मजदूरों में 5 पश्चिम बंगाल, दो नेपाल, एक असम और दो जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। इनमें जादव रॉय (23), गौतम रॉय (22), सुधीर रॉय (31), दीपक रॉय (33), परिमल रॉय (38) निवासी पश्चिम बंगाल, नवाज चौधरी (26), कुशी राम (25) निवासी, शिव चौहान (26) निवासी असम, मुजफ्फर (38), इसरत (30) निवासी जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।
वहीं, घायल मजदूरों में विष्णु गोला (33) निवासी झारखंड और अमीन (26) निवासी जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। DC रामबन के साथ NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, DIG और SSP रामबन मौके पर मौजूद हैं।
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