जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है। गुरुवार को अनंतनाग जिले में हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता काजी यासिर के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर बुलडोजर चलाया गया। अधिकारियों ने कॉम्प्लेक्स का एक हिस्सा ध्वस्त कर दिया है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत मोहम्मद मकबूल डार की पत्नी से करीब 11000 वर्ग फुट जमीन वापस ले ली गई। प्रशासन ने दावा किया गया कि इस जमीन पर अतिक्रमण किया गया था।
दरअसल, हुर्रियत के नेता अपने संगठन के गठन के बाद से ही भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। लेकिन अब हुर्रियत के नेताओं से जम्मू-कश्मीर प्रशासन सख्ती से निपट रहा है। अभी कुछ दिनों पहले ही NIA ने श्रीनगर में हुर्रियत के दफ्तर को अटैच किया था।
25 जनवरी को प्रशासन ने श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री अली मुहम्मद सागर की पत्नी के एक अवैध मकान पर प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था। प्रशासन ने बताया था कि यह मकान सरकारी जमीन पर बना है। पार्टी ने प्रशासन की इस कार्रवाई को गुंडागर्दी की इंतिहा तक कह दिया। अली मुहम्मद सागर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष भी हैं।
सरकारी जमीन पर कब्जाने वालों को नहीं बख्शेंगे: मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी कह चुके हैं कि गलत काम करने और सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि गरीबों को परेशान नहीं किया जाए। उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर से सभी जिला उपायुक्तों को अवैध कब्जों को 31 जनवरी तक खाली कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान चलाया जा रहा है।
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