तेलंगाना CM की बेटी के. कविता ने बुधवार को दिल्ली में 13 विपक्षी दलों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण में वुमन रिजर्वेशन बिल पेश करने की मांग की। मीटिंग के दौरान सिविल सोसाइटी के मेंबर भी शामिल थे।
कविता ने कहा कि उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) का विश्वास है कि महिलाओं के लिए रिजर्वेशन के साथ-साथ कोटा के भीतर कोटा पर भी काम किया जाना चाहिए।
वहीं, समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की मांग है कि लोकसभा और राज्यसभा में मौजूदा रिजर्वेशन बिल में से एक तिहाई सीट का कोटा पिछड़े वर्गों (OBC) और अनुसूचित जातियों (SC) की महिलाओं के लिए होना चाहिए।
लोकसभा-विधानसभाओं में 33% आरक्षण की मांग
कविता लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की मांग कर रही हैं। इसी मांग को लेकर कविता ने 10 मार्च को दिल्ली में एक दिन की भूख हड़ताल की थी। जिसमें AAP, अकाली दल, PDP, TMC, JDU, NCP, CPI, RLD, NC और समाजवादी पार्टी समेत कई पार्टियां शामिल हुईं थीं, लेकिन कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लिया था।
ED समन मामले में 24 मार्च को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ED के समन के खिलाफ के कविता की याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई करेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
कविता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नियमों के मुताबिक किसी महिला को पूछताछ के लिए ED ऑफिस नहीं बुलाया जा सकता। महिला से पूछताछ उसके घर पर होनी चाहिए।
ईडी ने कविता को 16 मार्च को शराब नीति मामले में दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया है।
11 मार्च को ED ने 9 घंटे तक किए थे सवाल-जवाब
दिल्ली शराब नीति केस में ED ने 11 मार्च को के कविता से दिल्ली दफ्तर में करीब 9 घंटे तक सवाल-जवाब किए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कविता से हैदराबाद के बिजनेसमेन अरुण रामचंद्रन पिल्लई के बयानों के बारे में पूछताछ की गई। पिल्लई को इसी केस में गिरफ्तार किया गया है। उसे ‘साउथ ग्रुप' का फ्रंटमैन कहा जाता है। वह कविता का करीबी माना जाता है। कविता का बयान मनी लॉन्ड्रि्ंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किया गया।
कविता ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जहां चुनाव होता है, वहां मोदी से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहुंच जाता है। पढ़ें पूरी खबर...
वुमन रिजर्वेशन बिल के लिए 10 मार्च को की थी भूख हड़ताल
वुमन रिजर्वेशन बिल के लिए के कविता ने 10 मार्च को दिल्ली में भूख हड़ताल की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि महिला आरक्षण बिल जरूरी है और इसे जल्दी से लाने की जरूरत है। मैं आपसे वादा करती हूं कि जब तक ये बिल नहीं आएगा तब तक ये प्रदर्शन नहीं रुकेगा। ये बिल देश के विकास में मदद करेगा।
कविता बोलीं- विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण हो
कविता ने कहा था कि पिछले 27 सालों से महिला आरक्षण बिल के लिए संघर्ष चल रहा है। कितनी भी सरकारें बदलीं, उसे मंजूरी नहीं मिली। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण होना चाहिए। हम इस विधेयक के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। भाजपा ने 2014 और 2019 के चुनाव में महिला आरक्षण बिल का वादा किया था, लेकिन अब इस पर बात नहीं कर रही है। पढ़ें पूरी खबर...
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