उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे के साले ज्ञानेंद्र और भतीजे आदर्श को यूपी की एसटीएफ ले गई है। विकास का साला ज्ञानेन्द्र शहडोल कस्बे में रहता है और भूसे का कारोबार करता है। विकास के साले ने खुद थाने पहुंचकर बयान दर्ज कराए हैं। उसका कहना है कि विकास से उसका 14 साल से कोई संबंध नहीं है।
सोमवार को एसटीएफ की टीम जब बुढार पहुंची तो उस समय ज्ञानेंद्र निगम जो कि विकास दुबे का साला है किसी काम से बाहर था और दुकान पर नहीं था दुकान पर राजू निगम का बेटा आदर्श बैठा हुआ था। एसटीएफ की टीम राजू निगम के बेटे आदर्श को उठाकर ले गई। बुढ़ार पुलिस ने राजू निगम को मंगलवार की रात भर थाने में रखा बुधवार की सुबह यूपी की एसटीएफ टीम फिर बुढ़ार पहुंची और राजू निगम को उठाकर ले गई। मंगलवार शाम को ज्ञानेन्द्र ने बताया कि विकास से तंग आकर ही वे बुढ़ार आ गए थे। एसटीएफ की टीम को जब पता चला कि विकास का साला शहडोल के बुढ़ार में रहता है तो टीम यहां पहुंची। एसटीएफ को जब ज्ञानेंद्र घर पर नहीं मिला तो टीम उसके बेटे आदर्श को अपने साथ लेकर कानपुर चली गई। ज्ञानेन्द्र लौटकर आए तो उन्हें पता चला की बेटे को एसटीएफ लेकर गई है। इसके बाद ज्ञानेन्द्र सीधे एसपी के पास पहुंचे और अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि विकास दुबे से कोई लेना-देना नहीं है। यदि कोई पूछताछ करनी है तो पुलिस मुझको लेकर जाए, मेरे बेटे को क्यों लेकर गई।
साले ने कहा- उसका कोई संबंध नहीं
ज्ञानेन्द्र ने बताया कि विकास उसे भी अपराधिक गतिविधियों में फंसाना चाहता था और उस पर भी पहले दो मामले दर्ज हो चुके हैं। इतना ही नहीं, विकास ने उसके कानपुर स्थित मकान पर भी कब्जा कर लिया था जिसे बड़ी मुश्किल से वापस ले सका। लेकिन उसका विकास से कोई संबंध नहीं है। ज्ञानेन्द्र ने कहा है कि वह हर तरह से पुलिस की मदद के लिए तैयार है।
यूपी पुलिस से मिले इनपुट के बाद चंबल में अलर्ट
यूपी पुलिस ने आशंका व्यक्त की है कि विकाश दुबे चंबल इलाके में छिप सकता है। यूपी पुलिस के अधिकारी लगातार चंबल जोन के अधिकारियों से संपर्क में हैं। चंबल इलाके के जिलों में पुलिस भी सघन जांच अभियान चला रही है। क्योंकि चंबल के जिले यूपी और राजस्थान के बॉर्डर से लगते हैं। एमपी पुलिस को मिले इनपुट्स के बाद सभी इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीमावर्ती चेक पोस्ट पर हर आने-जाने वाले की सघन तलाशी ली जा रही है। क्योंकि ग्वालियर के महाराजपुरा इलाके से एक बार विकास दुबे की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस इलाके में उसके अच्छे संपर्क भी हैं। ऐसे वह बीहड़ के इलाके में शरण ले सकता है।
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