येदियुरप्पा का दावा- भाजपा कर्नाटक में 130-140 सीटें जीतेगी:कांग्रेस में सीएम के लिए टकराव, पूछा- कांग्रेस का नेता कौन है? राहुल गांधी?

बेंगलुरु4 महीने पहले
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बेंगलुरु में शनिवार को बीजेपी कार्यकारिणी की विशेष बैठक हुई। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता। हम कम से कम 130-140 सीटें जीतेंगे। कांग्रेस में अभी से 'मैं हूं मुख्यमंत्री' वाला टकराव शुरू हो गया है। कांग्रेस का नेता कौन है? राहुल गांधी?

धर्मेंद्र प्रधान को बनाया चुनाव प्रभारी
भाजपा ने विधानसभा चुनावों को लेकर धर्मेंद्र प्रधान को प्रभारी और अन्नामलाई को सह-प्रभारी बनाया है। इसे लेकर येदियुरप्पा ने कहा कि अन्नामलाई सक्षम नेता हैं और धर्मेंद्र प्रधान बहुत वरिष्ठ नेता हैं। हमारी पार्टी को चुनाव जीतने में मददगार होगा।

भाजपा महासचिव ने शनिवार को धर्मेंद्र प्रधान को कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रभारी नियुक्त किए जाने को लेकर पत्र जारी किया।
भाजपा महासचिव ने शनिवार को धर्मेंद्र प्रधान को कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रभारी नियुक्त किए जाने को लेकर पत्र जारी किया।

चुनाव लड़ने इंकार कर चुके हैं येदियुरप्पा:कहा था- 80 साल का हूं, इलेक्शन नहीं लड़ सकता
सोमवार को येदियुरप्पा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा था कि वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही भविष्य में उनकी कोई चुनाव लड़ने की इच्छा है। मैं अभी 80 साल का हूं। मैं चुनाव नहीं लड़ सकता। हालांकि, बाद में उन्होंने साफ किया कि वह सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे।

बता दें कि राज्य नें मई तक चुनाव होना है। जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, पार्टी में येदियुरप्पा की अहमियत बढ़ रही है। वे पार्टी के केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। लिंगायत समुदाय का सपोर्ट उनके साथ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा लक्ष्य 2024 में मोदी सरकार को सत्ता में वापस लाना है।

बेटे को राजनीति में उतारना चाहते हैं येदियुरप्पा
माना जा रहा है कि येदियुरप्पा अपने बेटे बीवाई विजयेंद्र को कर्नाटक की राजनीति में उतारना चाहते हैं। उन्होंने पहले घोषणा की थी कि विजयेंद्र शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं। बाद में उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर अंतिम फैसला लेगी।

येदियुरप्पा 4 बार मुख्यमंत्री रहे, कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए
येदियुरप्पा सबसे पहले 12 नवंबर 2007 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने, लेकिन महज सात दिन बाद 19 नवंबर 2007 को ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 30 मई 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते इस बार 4 अगस्त 2011 को इस्तीफा दिया। तीसरी बार 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री बने और फिर महज छह दिन बाद 23 मई 2018 को इस्तीफा हो गया। चौथी बार 26 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री बने और ठीक दो साल बाद इस्तीफा दे दिया।

कर्नाटक में लिंगायत प्रभाव 100 विधानसभा सीटों पर
कर्नाटक में लिंगायत समुदाय 17% के आसपास है। राज्य की तकरीबन आधी आबादी पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा के लिए येदि को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा। ऐसा होने का मतलब इस समुदाय के वोटों को खोना होगा।

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