कर्नाटक हाईकोर्ट के जज को ट्रांसफर की धमकी मिली है। जज एचपी संदेश का आरोप है कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में फटकार लगाने पर हाईकोर्ट के ही एक सीनियर जज ने बताया कि उनका ट्रांसफर हो सकता है। जस्टिस संदेश ने कहा कि अगर लोगों की भलाई करने के लिए उनका ट्रांसफर भी हो जाता है, तो वे इसके लिए भी तैयार हैं।
डिप्टी तहसीलदार पर 5 लाख की रिश्वत लेने का आरोप
बेंगलुरु शहर के सिटी डिप्टी कमिशनर जे मंजूनाथ के कार्यकाल में एक डिप्टी तहसीलदार पी एस महेश को 5 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। महेश के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी और उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 30 जून को याचिका पर सुनवाई की गई थी। इस पर महेश ने बयान मे कहा था कि उन्हें रिश्वत लेने के लिए मंजूनाथ ने कहा था, लेकिन जस्टिस संदेश की बेंच में कहा गया कि मंजूनाथ का तो FIR में नाम ही नहीं है। तब जस्टिस संदेश ने मामले में सुनवाई करते हुए ACB को भ्रष्टाचार का केंद्र और संग्रह केंद्र कहा था। जस्टिस ने ये भी कहा था कि ACB अभी एक दागी ADGP सीमांत कुमार सिंह के नेतृत्व में काम कर रही है। जज की टिप्पणी के बाद डिप्टी कमिशनर जे मंजूनाथ को सोमवार को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
ADGP प्रभावशाली व्यक्ति, इसलिए धमकी मिली
जस्टिस संदेश ने कहा- मुझे बताया गया कि एंटी करप्शन ब्यूरो के ADGP एक शक्तिशाली व्यक्ति है। मुझे इसके बारे में एक जज ने बताया है कि मुझे ट्रांसफर की धमकी दी जाएगी। लोगों की भलाई के लिए अगर मेरा ट्रांसफर किया जाएगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं। मैं किसी से नहीं डरता। मैंने जज बनने के बाद कोई भी संपत्ति जमा नहीं की है। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं किसान का बेटा हूं। मैं जमीन जोतने के लिए तैयार हूं। मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं हूं। मैं किसी राजनीतिक विचारधारा का पालन नहीं करता।
जज का सवाल- आप किसकी रक्षा कर रहे हैं- जनता की या दागियों कीं
ACB के वकील ने कोर्ट में कहा कि एक और बेंच 'बी' रिपोर्ट पर मामले की सुनवाई कर रही है, तो क्लोजर रिपोर्ट की मांग क्यों की जा रही है। इस पर जस्टिस संदेश ने कहा- आप उन लोगों पर बी-रिपोर्ट दाखिल कर रहे हैं, जो रंगे हाथों पकड़े गए थे। आप मुझे विवरण क्यों नहीं दे रहे हैं, जबकि सूचना बेंच को पहले ही दी जा चुकी है।
साथ ही ACB पर टिप्पणी में कहा कि क्या आप जनता या दागी व्यक्तियों की रक्षा कर रहे हैं? काला कोट भ्रष्टाचारियों की सुरक्षा के लिए नहीं है। भ्रष्टाचार एक कैंसर बन गया है। अधिकारी तलाशी वारंट की धमकी देकर जबरन वसूली कर रहे हैं। कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो के ADGP को पहले सभी रिकॉर्ड जमा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 जुलाई को करने के आदेश दिए।
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