कर्नाटक में CM सिद्धारमैया की सरकार ने राज्य के स्कूल-कॉलेजों में लगे हिजाब बैन को हटाने के संकेत दिए हैं। कैबिनेट में मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा है कि उनकी सरकार ऐसे हर कानून की समीक्षा करेगी, जो असंवैधानिक हैं और किसी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। अगर ये कानून राज्य की छवि को प्रभावित करते हैं तो इन्हें खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने रुख पर बहुत स्पष्ट हैं, हम पिछली सरकार में पारित उन सभी विधेयकों, सर्कुलर का रिव्यू करेंगे, जो आर्थिक नीतियों के खिलाफ हैं। अगर वे असंवैधानिक हैं तो जरूरत पड़ने पर उन्हें खारिज कर दिया जाएगा। प्रियांक का बयान उन खबरों पर आया जिसमें यह दावा किया गया है कि स्कूल-कॉलेज में लगा हिजाब बैन को हटाया जा सकता है।
बजरंग दल हो या RSS, कानून के लिए खतरा बने तो बैन होंगे
प्रियांक ने मेनिफेस्टो की घोषणाओं के मुताबिक बजरंग दल बैन के सवाल पर कहा, "कोई भी संगठन, धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक, जो कर्नाटक में असंतोष और नफरत के बीज बोएगा, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम कानूनी और संवैधानिक रूप से उनसे निपटेंगे। चाहे वह बजरंग दल, पीएफआई या कोई अन्य संगठन हो। यदि वे कर्नाटक में कानून और व्यवस्था के लिए खतरा बन रहे हैं, तो हम उन्हें बैन करने में संकोच नहीं करेंगे।"
कांग्रेस सूत्रों का दावा- हिजाब, गोहत्या विरोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द होंगे
खड़गे ने बताया कि हिजाब सर्कुलर लागू होने के बाद से कम से कम 18 हजार अल्पसंख्यक स्कूल से बाहर हो गए हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे मुख्यधारा में वापस आएं और अपनी शिक्षा जारी रखें। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया है कि पार्टी हिजाब पर सर्कुलर वापस लेने और पिछली भाजपा सरकार द्वारा लाए गए गोहत्या विरोधी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों को रद्द करने की योजना बना रही है।
पूर्व CM बोले- मनमाने ढंग से कानून बदलना अहंकार
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नई कांग्रेस सरकार को रिवर्स गियर सरकार बताया। उन्होंने कहा- सत्ता में आने के बाद पिछली भाजपा सरकार के कानूनों को मनमाने ढंग से बदलने के बयान अहंकार दिखा रहे हैं। बोम्मई ने यह भी कहा कि अगर लोगों के साथ कोई अन्याय होता है, तो हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से लड़ेंगे।
बोम्मई ने कहा, "वे अपनी गारंटी से उलट जा रहे हैं, वे हमारे (भाजपा) जनहितैषी कानूनों को भी उलट रहे हैं। लोगों को जल्द ही अपने कार्यों के परिणामों का पता चल जाएगा। सत्ता में आने के तुरंत बाद, अगर कोई सरकार हर चीज की समीक्षा करना चाहती है, तो न केवल रिवर्स गियर, बल्कि बदले की कार्रवाई भी है।"
हिजाब पर सुप्रीम कोर्ट भी नहीं बना सका एक राय
हिजाब पर बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच में एकराय नहीं बन सकी थी। 7 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने जब फैसला सुनाया तो दो जजों की बेंच की इस मामले पर राय अलग-अलग थी। 10 दिनों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी नागेश ने बताया कि कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला अभी अंतरिम तौर पर लागू रहेगा। इसलिए स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर बैन बरकरार रहेगा। पढ़ें पूरी खबर...
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 26 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ता का कहना था कि हाईकोर्ट ने धार्मिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को देखे बिना हिजाब बैन पर फैसला सुना दिया। 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं की तरफ से क्लास में हिजाब पहनने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की जरूरी प्रैक्टिस का हिस्सा नहीं है। इसे संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षण देने की जरूरत नहीं है।
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