कर्नाटक हिजाब विवाद को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कॉलेज परिसर में हिजाब न पहनने देने को मुस्लिम महिलाएं अपने मौलिक अधिकारों का हनन बता रही हैं। अब इस मामले पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हिजाब को मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने का तरीका बताया है।
बच्चियों को जमीन में दफना देते थे मुस्लिम
उन्होंने कहा कि अरब देशों में एक समय था, जब लोग बच्चियों के जन्म लेते ही उन्हें जमीन में दफन कर देते थे। फिर इस्लाम ने इसे बंद कर दिया, लेकिन वहां यह मानसिकता आज 21वीं सदी में भी कायम है। पहले उन लोगों ने तीन तलाक का आविष्कार किया, फिर हिजाब और फिर मुस्लिम महिलाओं का प्रताड़ित करते रहने के लिए अन्य तरीके ईजाद कर लिए।
वे नहीं चाहते कि मुस्लिम महिलाएं आगे बढ़ें
आरिफ मोहम्मद ने कहा कि मुझे लगता है कि हिजाब को लेकर जो भी हो रहा है, ये विवाद नहीं है। मुझे यह एक साजिश मालूम होती है, जिसका मकसद मुस्लिम महिलाओं को उनके घरों के भीतर हीकैद करना है। आज मुस्लिम महिलाएं, लड़कों की तुलना में आगे हैं और यह विवाद उन्हें पीछे धकेलने के लिए है।
देश के कई हिस्सों में शुरू हुए विवाद, लगातार हो रही बयानबाजी
कर्नाटक के उडुपी जिले के एक कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर आने से रोकने के बाद विवाद शुरू हुआ था। इसके बाद यह विवाद राज्य के अन्य एरिया में भी फैल गया। हिंदू संगठनों से जुड़े छात्रों ने बदले में भगवा शॉल पहनकर हिजाब वाली छात्राओं को रोकना शुरू कर दिया। इसे लेकर हिंसक तनाव बनने के बाद राज्य सरकार ने सभी तरह के धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने स्कूल-कॉलेजों में पहनने पर रोक लगा दी। कुछ लोगों ने कर्नाटक सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
इसके बाद देश के कई अन्य राज्यों में भी हिजाब के कारण छात्राओं को कॉलेजों में एंट्री नहीं दिए जाने के विवाद सामने आए हैं। इसे लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार भड़काऊ बयान भी सामने आ रहे हैं। राजनेता भी अपने-अपने तरीके से बयान दे रहे हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में फिलहाल धार्मिक पहचान वाले कपड़े, चाहे वह भगवा शॉल हो या हिजाब, नहीं पहनने का अंतरिम आदेश जारी किया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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