केरल के कोझिकोड सेशन कोर्ट ने यौन उत्पीड़न से जुड़े केस में राइटर और सोशल एक्टिविस्ट सिविक चंद्रन को जमानत दे दी। सेशन जज कृष्णा कुमार ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने यौन उत्तेजक कपड़े पहन रखे थे, इसलिए शुरुआती तौर पर देखने से लगता है कि आरोपी पर IPC की धारा 354A (शील भंग) का केस नहीं बनता।
आरोपी सिविक चंद्रन ने जमानत याचिका के साथ महिला की तस्वीरें भी पेश की थीं। 6 महीने पहले दर्ज किए गए केस का फैसला 12 अगस्त को आया था।
6 महीने पुराना है मामला
आरोपी के वकील पी. हरि और सुषमा एम ने दलील दी कि यह एक झूठा मामला है। आरोपी के खिलाफ उसके कुछ दुश्मनों ने बदला लेने के लिए झूठा केस किया है। वकील ने यह भी कहा कि घटना के 6 महीने बाद मामला दर्ज किया गया था, लेकिन इस देरी का कारण नहीं बताया गया।
शिकायतकर्ता एक युवा राइटर है। उनका आरोप है कि फरवरी 2020 में वे नंदी समुद्र तट पर एक इवेंट में थीं तभी सिविक चंद्रन ने उनका शील भंग करने की कोशिश की। कोयिलंडी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354A(2), 341 और 354 के तहत मामला दर्ज किया।
सिविक पर उत्पीड़न का यह दूसरा केस था
सिविक चंद्रन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज हैं। पहला केस अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाली एक महिला ने अप्रैल में दर्ज करवाया था। इसमें 2 अगस्त को अग्रिम जमानत मिली थी। अब दूसरे मामले में भी अग्रिम जमानत मिल गई है। हालांकि, चंद्रन पहला केस दर्ज होने के बाद से ही फरार हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.