फीचर आर्टिकल:जानिए कैसे फ्लिपकार्ट के विशमास्टर्स भारत के 100% सर्विसेबल पिन कोड में खुशियां डिलीवर करते हैं

नई दिल्ली10 दिन पहले
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एक मजबूत और विशाल सप्लाई चेन के साथ फ्लिपकार्ट देश के दूर-दराज के इलाके के लोगों तक भी पहुंच, सुविधा और विकास के अवसर सुनिश्चित करता है।चाहे वह ग्राहकों के पसंदीदा उत्पादों को उनके घरों तक सस्ती कीमत पर पहुंचाना हो या स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान करना हो, फ्लिपकार्ट के माध्यम से ई-कॉमर्स देश भर में लाखों लोगों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पूरे भारत के शहरों, कस्बों और गांवों में, भौगोलिक, प्राकृतिक या मौसमी बाधाओं के बावजूद, फ्लिपकार्ट के विशमास्टर्स खुशी, पहुंच और सुविधाओं की डिलावरी करते हैं। दुनिया के 20वें सबसे बड़े थार रेगिस्तान के बीच में स्थित जैसलमेर में नए अवसर पैदा कर रहा है फ्लिपकार्ट

थार दुनिया का 20वां सबसे बड़ा मरुस्थल है और जैसलमेर शहर लगभग पूरी तरह इसी मरुस्थल पर बसा है। सुनहरी रेत के बीच सुनहरे पीले पत्थरों से बनी हवेलियों के कारण इसे गोल्डन सिटी ऑफ इंडिया भी कहा जाता है।

जैसलमेर और इसके आस-पास के दूर-दराज के इलाकों में फ्लिपकार्ट के विशमास्टर्स रोजाना 800 से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर करते हैं। यह कार्य बहुत आसान नहीं है क्योंकि डिलीवरी के रास्तों में रेत के टीले और अस्पष्ट पते वाले दूरस्थ इलाके शामिल हैं। लेकिन यहीं पर फ्लिपकार्ट विशमास्टर्स का गहन भौगोलिक और स्थानीय ज्ञान काम आता है, और वे यह सुनिश्चित करते हैं कि उत्पादों को शहर की सीमा के बाहर भी लोगों तक पहुंचाया जाए।

#BuiltForIndia टेक्नोलॉजी से संचालित जीवंत डिजिटल मार्केटप्लेस देश के दूर-दराज इलाके के लोगों के जीवन में भी खुशियों की पहुंच को आसान बना रहा है और वंचित समुदायों को भी सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

कुछ समय पहले तक शहर की सीमा के बाहर और शहर के चहल-पहल वाले बाजारों से दूर बस्तियों में लोगों की पहुंच कुछ आवश्यक वस्तुओं तक ही सीमित थी। लेकिन ई-कॉमर्स की ताकत और पहुंच के ज़रिए चीजें बदल रही हैं। ऐसे ही एक गांव में रहने वाली अरुणा कुमारी कहती हैं कि उनके गांव से बाजार बहुत दूर है, लेकिन अब फ्लिपकार्ट की वजह से उन्हें ज़रूरत की हर चीज़ घर पर ही मिल जाती है।

जैसे-जैसे शहर बढ़ता जाता है, उसके निवासियों के लिए यह और भी अनिवार्य हो जाता है कि उन्हें अपने पास ही सब कुछ मिल जाए। हालांकि इन बंजर पथरीले इलाकों में पता खोजना और सामान डिलीवर करना बिलकुल भी आसान नहीं है। यह सूखा इलाका भारत में सबसे गर्म स्थानों में से एक है - जैसलमेर की सीमा चौकी में हाल के दिनों में 52.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है।

जैसलमेर में फ्लिपकार्ट हब के एक विशमास्टर सुनील कुमार कहते हैं, "हम इस कठिन इलाके में कड़ी मेहनत करते हैं ताकि हमारे ग्राहक निराश न हों।

कमल किशोर, एक अन्य फ्लिपकार्ट विशमास्टर कहते हैं, कभी-कभी आपको एक अधूरा पता मिलता है, कभी-कभी सिर्फ एक नाम और कॉलोनी। कई बार डिलीवरी शहर की सीमा के बाहर होती है। लेकिन हम ऑर्डर डिलीवर करने की पूरी कोशिश करते हैं।

जैसलमेर की फ्लिपकार्ट हब एग्जिक्यूटिव शीतल शर्मा बताती हैं - जैसलमेर फ्लिपकार्ट के लिए एक छोटा हब है, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

“देश के इस हिस्से के लोगों की पहले कई उत्पादों तक पहुंच नहीं थी। फ्लिपकार्ट ने सभी के लिए एक बिलकुल नई दुनिया के दरवाजे खोल दिए हैं,” कमल कहते हैं।

ई-कॉमर्स और फ्लिपकार्ट के माध्यम से, भारत के छोटे विक्रेता और व्यवसाय भी देश भर के ग्राहकों से जुड़ने में सक्षम हैं।

शीतल शर्मा बताती हैं, “ हम इन छोटे-छोटे सुदूरवर्ती गांवों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ते हैं, और इनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हम एक कदम आगे बढ़कर का काम करते हैं।“

जैसलमेर में फ्लिपकार्ट के हब में 15 से 18 लोगों की एक टीम है जो एक दिन में 700 से 800 ऑर्डर डिलीवर करती है। इनमें देश की 464 किलोमीटर लंबी सीमा पर तैनात हमारे बहादुर जवान भी शामिल हैं और इन तक ऑर्डर डिलीवर करने में फ्लिपकार्ट के विशमास्टर गौरव का अनुभव करते हैं

फ्लिपकार्ट ने स्थानीय समुदाय को रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किए ई-कॉमर्स ने न केवल उत्पादों और सुविधा तक पहुंच को सक्षम किया है, बल्कि यह अपने साथ स्थानीय समुदाय के अनेक लोगों के लिए अवसर लेकर आया है।

फ्लिपकार्ट के विशमास्टर सुनील अपनी कहानी बताते हैं - “कोविड-19 के दौरान मेरे पिता का निधन हो गया था। अचानक पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी मूझ पर और मेरे जुड़वां भाई के ऊपर आ गई। तभी मुझे फ्लिपकार्ट में नौकरी मिल गई और हमारी आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई।“

सुनील ही नहीं, कमल भी फ्लिपकार्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहते हैं कि इस नौकरी ने उन्हें अपने परिवार को फिर से आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद की है। कमल बताते हैं कि कोविड महामारी के दौरान वे जयपुर में पढ़ाई कर रहे थे, उनके पिता एक मजदूर हैं और उनकी सेहत बिगड़ने के साथ ही उनका काम ठप हो गया। कमल को पढ़ाई छोड़कर जैसलमेर आना पड़ा। फ्लिपकार्ट में नौकरी मिलने के बाद कमल ने अपने छोटे भाई की दुकान शुरू करवाई और एक और छोटे भाई की पढ़ाई फिर से शुरू करवाई।

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