इस्लाम को हरा आतंक और ईसाई को सफेद आतंक बताकर विवादों में रहीं एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाईकोर्ट का जज बनाने का विरोध शुरू हो गया है। सीनियर एडवोकेट राजू रामचंद्रन ने गौरी की नियुक्ति के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पहले 10 फरवरी को मामले पर सुनवाई करने की बात कही थी, लेकिन एडवोकेट राजू के अनुरोध पर कोर्ट 7 फरवरी यानी कल सुनवाई करेगी।
आरोप-गौरी भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव हैं
एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से मद्रास हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जैसे ही राष्ट्रपति के पास गौरी के नाम की सिफारिश भेजी, मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
22 वकीलों ने कॉलेजियम और राष्ट्रपति को लेटर लिखकर उन्हें जज न बनाने की मांग की थी। वकीलों का कहना था कि गौरी भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव हैं। उन्हें जज बनाने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही वकीलों ने लेटर में गौरी के विवादित बयानों का भी जिक्र किया।
नीचे हम गौरी का बयान दे रहे हैं जिसका जिक्र वकीलों ने कॉलेजियम और राष्ट्रपति को लिखे लेटर में किया है...
इस्लामी समूह वैश्विक स्तर पर ईसाई समूहों की तुलना में ज्यादा खतरनाक हैं, लेकिन अगर भारत की बात की जाए तो यहां ईसाई समूह इस्लामिक समूहों से ज्यादा खतरनाक हैं। वहीं, धर्म परिवर्तन कराने खासकर लव जिहाद के मामलों में दोनों समूह समान रूप से खतरनाक हैं। अगर एक हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़का एक-दूसरे से प्रेम करते हैं तो मुझे उनकी शादी से कोई दिक्कत नहीं है।
अगर शादी के बाद हिंदू लड़की मुस्लिम लड़के के घर में उसकी पत्नी के रूप में रहने के बजाय किसी सीरियाई आतंकवादी शिविर में मिलती है, तो मुझे आपत्ति है। मेरे हिसाब से यही लव जिहाद की परिभाषा है।
इस्लाम को हरा आतंक कह चुकी हैं गौरी
आर्टिकल 14 की रिपोर्ट के मुताबिक गौरी ने कहा था कि इस्लामिक आतंक हरा आतंक है तो ईसाई आतंक सफेद आतंक है। दोनों में धर्मांतरण, खासतौर पर लव जिहाद के मामले में समान रूप से खतरनाक है। उन्होंने कहा था कि ईसाई गीतों पर भरतनाट्यम नहीं किया जाना चाहिए। भगवान नटराज के आसन की तुलना ईसा मसीह से कैसे की जा सकती है। उन्होंने ये बयान 2012 से 2018 के बीच दिए थे।
बता दें कि गौरी को मद्रास हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके कुछ ही देर बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल कर मामले पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की। उधर, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर गौरी की नियुक्ति को केंद्र से मिली मंजूरी की जानकारी दी है।
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