महाराष्ट्र में शिंदे सरकार की कैबिनेट का विस्तार सोमवार को होगा। 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई होना है।
सूत्रों के मुताबिक, SC के फैसले के बाद कैबिनेट का विस्तार होगा। भाजपा और शिंदे गुट में मंत्रियों की संख्या और विभागों को लेकर सहमति बन गई है। मंत्रिमंडल में 35 सदस्य शामिल होंगे। इस तरह सरकार में शिंदे खेमा को 40% हिस्सेदारी मिलेगी।
सीएम एकनाथ शिंदे के बीमार होने की खबर आने के बाद डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस अकेले मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के संबंध में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से 21 मंत्री कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं, जबकि शिंदे गुट को 12 मंत्री पद मिल सकते हैं। 2 मंत्री पद अन्य छोटे सहयोगी दलों को मिलेेगे। 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मंत्रियों के विभाग बंटवारे पर भी बन गई बात
सूत्रों की मानें तो कैबिनेट के साथ-साथ विभागों के बंटवारे पर भी बात बन गई है। भाजपा गृह, वित्त और राजस्व जैसे बड़े विभाग अपने पास रख सकती है, जबकि शहरी विकास और पथ निर्माण विभाग शिवसेना के शिंदे गुट को दिया जा सकता है। शिवसेना के दीपक केसकर ने बताया कि मंत्रिमंडल को लेकर सब कुछ फाइनल हो चुका है। इस हफ्ते कभी भी नए मंत्रियों का शपथग्रहण हो सकता है।
कैबिनेट विस्तार में देरी क्यों, जानिए 2 अहम प्वाइंट...
भाजपा से पाटिल-महाजन तो शिंदे कैंप से केसकर-गोगावले रेस में भाजपा से मंत्री बनने की रेस में चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार और गिरीश महाजन सबसे आगे है। वहीं, शिंदे कैंप से दीपक केसकर और भारत गोगावले मंत्री बनाए जा सकते हैं। आइए देखते हैं पूरी लिस्ट...
सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई अहम
शिवसेना संकट पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। कोर्ट ने शिंदे गुट से फाइनल ड्राफ्ट देने के लिए कहा है। कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान CJI रमना ने कहा - हमने सुनवाई टाली तो आपने सरकार ही बना ली। कोर्ट की सुनवाई का लेटेस्ट अपडेट्स यहां पढ़िए...
35 दिन में 6 बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं एकनाथ शिंदे
30 जून को मुख्यमंत्री बनने के बाद एकनाथ शिंदे अब तक 35 दिन में 6 बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान वे शिवसेना पर भी दावा ठोकने के लिए चुनाव आयोग और लोकसभा स्पीकर के पास गए थे। वहीं कैबिनेट विस्तार समेत कई मुद्दों पर चर्चा के लिए भाजपा हाईकमान से मिले।
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