महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यकाल को एक महीना पूरा होने वाला है। इसलिए जल्द ही शिंदे अपनी कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं। शिंदे ने इस मामले में कहा कि भले ही कुछ देरी हो गई, लेकिन किसी स्तर पर कोई विवाद नहीं है। हम अगले 3 दिन में कैबिनेट का विस्तार करेंगे। वे बोले- सदस्यों के चुनाव में कोई भेदभाव नहीं किया गया है इसलिए यह बहुत सधी हुई टीम होगी।
इससे पहले CM एकनाथ इसी संबंध में BJP के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने बुधवार को दिल्ली जाने वाले थे, लेकिन लास्ट मोमेंट पर प्लान कैंसिल कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट में करीब 45 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें 25 भाजपा कोटे से, 13 शिंदे कोटे से और 7 निर्दलीय विधायक शामिल हो सकते हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार कितने चरणों में हो इस पर निर्णय बाकी
महाराष्ट्र में BJP और शिवसेना गुट के गठबंधन वाली इस कैबिनेट का विस्तार कितने चरणों में होगा, इस पर मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच चर्चा होनी बाकी है। शिंदे कैंप में 40 बागी विधायक हैं। ऐसे में 26 विधायकों को साथ रखना आसान नहीं है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों को निगम-बोर्ड में एडजस्ट करने की तैयारी है।
कैबिनेट विस्तार से जुड़ी संभावनाएं
विपक्ष का तंज- देरी की वजह मतभेद
शिंदे सरकार द्वारा विभागों के आवंटन में देरी पर NCP नेता जयंत पाटिल ने एकनाथ शिंदे सरकार पर तंज किया है। उन्होंने कहा कि दो लोगों की सरकार सिर्फ नाम की है, लोगों की समस्याओं की अनदेखी हो रही है। पाटिल ने यह भी कहा कि भाजपा और शिवसेना के शिंदे गुट के बीच मतभेद विभागों के आवंटन में देरी का कारण हो सकता है।
BJP की मांग- गुजरात पैटर्न अपनाएं
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के एक गुट ने महसूस किया कि महाराष्ट्र में पार्टी के व्यापक हित में, भाजपा को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए गुजरात पैटर्न को अपनाना चाहिए। हाल ही में, जब गुजरात में लीडरशिप चेंज हुई, तब भाजपा नेतृत्व ने पुराने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को हटा दिया था। हालांकि, ये आशंका थी कि इससे पार्टी में असंतोष होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि पार्टी विधायकों ने इस बदलाव को स्वीकार कर लिया था।
देरी की वजह सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं भी बनीं
जल्दबाजी में हुए शिंदे के शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह माना जा रहा था कि वे जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। कैबिनेट विस्तार में देरी को सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं से जोड़कर भी देखा जा रहा है। शिवसेना में उद्धव और शिंदे गुट को लेकर 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट में अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी।
गौरतलब है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने 7 याचिकाएं दायर की हैं, ताकि बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सके। साथ ही शिंदे गुट के पार्टी चिन्ह को फ्रीज करने की मांग के जवाब में चुनाव आयोग में कैविएट दायर की है। यह मुद्दा भी सुप्रीम कोर्ट में है। पढ़ें पूरी खबर...
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