सीएम शिंदे से बातचीत के बाद किसानों का मार्च खत्म:अब घरों की ओर लौटने लगे, नासिक से मुंबई पैदल जा रहे थे

मुंबई2 महीने पहले
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करीब दस हजार किसान 200 किलोमीटर पैदल चलकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन करने जा रहे थे। - Dainik Bhaskar
करीब दस हजार किसान 200 किलोमीटर पैदल चलकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन करने जा रहे थे।

नासिक से मुंबई पैदल मार्च कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों की महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से बातचीत के दो दिन बाद उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया है। CPI नेता और पूर्व विधायक जीवा पांडू गवित जो इस मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं उन्होंने कहा कि- किसान अब अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दे दिया है। बता दें कि करीब दस हजार किसान 200 किलोमीटर पैदल चलकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन करने जा रहे थे। उनकी मुख्य मांगे जमीन पर हक, प्याज पर MSP और कर्जमाफी है। इस मार्च में किसानों के अलावा असंगठित कामगारों, आशा वर्कर और ट्राइबल कम्यूनिटी के सदस्य भी शामिल थे।

नासिक में इस तरह का यह तीसरा आंदोलन था। इससे पहले 2018 और 2019 में भी किसान पैदल मार्च निकाल चुके हैं।
नासिक में इस तरह का यह तीसरा आंदोलन था। इससे पहले 2018 और 2019 में भी किसान पैदल मार्च निकाल चुके हैं।

सीएम शिंदे बोले- प्याज की ज्यादा पैदावार से हालात बिगड़े
सीएम एकनाथ शिंदे ने कि महाराष्ट्र में प्याज का बहुत ज्यादा पैदावार हुई, फिर उसकी कीमत बहुत कम होने के कारण किसान परेशान हो गए। किसान सोयाबीन, कपास और अरहर की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए कदम उठाने और बेमौसम बारिश से खराब हुई फसल के तत्काल राहत देने की भी मांग कर रहे थे।

जुलूस में शामिल लोग 2005 के बाद सेवा में शामिल हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की भी मांग कर रहे थे।

इस मार्च में किसानों के अलावा असंगठित कामगारों, आशा वर्कर और ट्राइबल कम्यूनिटी के सदस्य भी शामिल थे।
इस मार्च में किसानों के अलावा असंगठित कामगारों, आशा वर्कर और ट्राइबल कम्यूनिटी के सदस्य भी शामिल थे।

किसानों से उनकी 14 मांगों पर बातचीत हुई
एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने किसानों के प्रतिनिधियों से वन अधिकारों, वन भूमि के अतिक्रमण, मंदिर ट्रस्टों और चराई के मैदानों की भूमि को खेती के लिए किसानों को हस्तांतरित करने सहित 14 बिंदुओं पर बातचीत की है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम शिंदे ने किसानों से अपना लंबा मार्च वापस लेने की अपील करते हुए कहा था कि लिए गए फैसलों को तुरंत लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्याज की कम कीमतों और बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के कारण प्रभावित प्याज उत्पादकों को 350 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से भुगतान किया जाएगा।

इन मांगों को लेकर मार्च पर निकले थे किसान...

नासिक में इस तरह का तीसरा आंदोलन था
नासिक में इस तरह का यह तीसरा आंदोलन था। इससे पहले 2018 और 2019 में भी किसान पैदल मार्च निकाल चुके हैं। दोनों ही बार सरकार ने मांगे पूरी करने का आश्वासन देकर आंदोलन रुकवा दिया था।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मंत्रालय में बातचीत के लिए किसानों की अगुआई करने वालों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन इसे दरकिनार कर किसान पैदल मार्च के लिए चल दिए थे।

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