महाराष्ट्र में सियासी टशन थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में नए स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने पद संभालते ही विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के नेता और चीफ व्हिप पद पर अजय चौधरी और सुनील प्रभु की नियुक्ति रद्द कर दी है। सदन में अब शिवसेना विधायक दल के नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और चीफ व्हिप भरत गोगावले होंगे।
स्पीकर के इस फैसले पर शिवसेना ने आपत्ति जताई है। सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के इस निर्णय के खिलाफ शिवसेना कोर्ट जाएगी।
आदित्य ठाकरे समेत 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग
इधर, स्पीकर के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है। शिंदे गुट के चीफ व्हिप भारत गोगावाले ने नए स्पीकर राहुल नार्वेकर को लेटर सौंपा है।
लेटर में कहा है कि 16 विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है। इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए। स्पीकर ने उनका लेटर ले लिया है और उस पर विचार करने की बात कही है। हालांकि शिवसेना ने भी शिंदे गुट के बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। बागी गुट के 16 विधायकों की सदस्यता का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में है।
स्पीकर चुनाव में शिंदे गुट ने जीत हासिल की
उद्धव सरकार को गिराने के बाद एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में पहला शक्ति परीक्षण जीत लिया है। भाजपा के राहुल नार्वेकर विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए हैं। नार्वेकर को 164 वोट, जबकि शिवसेना के राजन साल्वी को 107 वोट मिले। वोटिंग के दौरान NCP के 7 और कांग्रेस के 2 विधायक गायब रहे।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष की मांग पर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने विधायकों की गिनती शुरू कराई। विधानसभा में अभी 287 विधायक हैं और जीत के लिए 144 का मैजिक फिगर चाहिए था। हालांकि वोटिंग में सिर्फ 275 विधायकों ने भाग लिया।
12 विधायकों ने नहीं लिया वोटिंग में हिस्सा
स्पीकर चुनाव में नवाब मलिक (NCP), अनिल देशमुख (NCP), मुक्ता तिलक (भाजपा), लक्ष्मण जगताप (भाजपा), प्रणित शिंदे (कांग्रेस), दत्ता भरणे (NCP), निलेश लंके (NCP), अण्णा बनसोडे (NCP), दिलीप मोहिते (NCP), बबन शिंदे (NCP), मुफ्ती इस्माइल शाह (AIMIM) और रणजीत कांबले (कांग्रेस) ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
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शिवसेना में रहे, टिकट नहीं मिला तो बदल लिया दल
राहुल नार्वेकर 2014 से पहले शिवसेना में थे, लेकिन लोकसभा का टिकट नहीं मिला, तो पार्टी छोड़ एनसीपी में शामिल हो गए। 2014 में मवाल लोकसभा सीट से मैदान में उतरे, लेकिन हार मिली। फिर नार्वेकर भाजपा में शामिल हो गए।
2016 में गवर्नर कोटे से नार्वेकर विधानपरिषद पहुंचे। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोलाबा विधानसभा सीट से जीत हासिल की। राहुल नार्वेकर को भाजपा गठबंधन के 106, शिवसेना के 39 और 19 निर्दलीय विधायकों का वोट मिला है।
भाजपा विधायकों ने लगाए जय श्रीराम-जय भवानी के नारे
विधानसभा के भीतर भाजपा के विधायकों ने जय भवानी, जय शिवाजी और जय श्री राम के नारे लगाए, जबकि विपक्षी विधायकों ने वोटिंग के समय ED-ED के नारे लगाए। स्पीकर चुनाव पर NCP के जयंत पाटील ने कहा कि अभी चुनाव कराया जा रहा है, लेकिन हम कब से मांग कर रहे थे। अब समझ आया कि इलेक्शन क्यों नहीं कराया जा रहा था।
शिवसेना का दफ्तर सील, दोनों गुट ने व्हिप जारी किया
शिवसेना में मचे घमासान को देखते हुए विधानसभा के भीतर उसका दफ्तर सील कर दिया गया। उद्धव ठाकरे की ओर से सुनील प्रभु और एकनाथ शिंदे की ओर से भारत गोगावाले ने व्हिप जारी किया था। उद्धव ठाकरे के समर्थन में शिवसेना के 17 विधायकों ने वोट किया।
भाजपा और शिवसेना के विधायकों की बैठक, फडणवीस होटल पहुंचे
सीएम एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों और महाराष्ट्र भाजपा के विधायकों की बैठक रविवार रात मुंबई के होटल में हुई। इसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए।
शक्ति प्रदर्शन के बीच 2 बड़े बयान...
1. संजय राउत - शतरंज में वजीर और जिंदगी में जमीर अगर मर जाए तो समझो खेल खत्म। हमारा वजीर और जमीर अभी जिंदा है। हम बचेंगे भी और लड़ेंगे भी।
2. शरद पवार- मैंने कई बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, लेकिन आज तक किसी भी राज्यपाल ने मुझे मिठाई नहीं खिलाई। मैंने महाराष्ट्र राजभवन में पहली बार ऐसा देखा है।
शिवसेना का फडणवीस पर तंज
शिवसेना ने मुखपत्र सामना के लेख में देवेंद्र फडणवीस को लेकर निशाना साधा है। इसमें कहा गया है कि शिंदे मुख्यमंत्री बने और उनके मंत्रिमंडल में देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी CM का पद स्वीकार करना पड़ा, यही असली भूकंप है। आगे लिखा- फडणवीस फिर आए, लेकिन वे इस तरह से ‘आधे’ आएंगे, ऐसा किसी को नहीं लगा था। अब राज्य में क्या होगा?
सियासी टशन में पलट गई उद्धव सरकार
20 जून को एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के करीब 20 विधायक सूरत निकल गए, जिसके बाद इन विधायकों को गुवाहाटी ले जाया गया। विधायक गुवाहाटी में करीब 6 दिन रहे। इसके बाद शिंदे गुट ने 39 विधायक साथ होने का दावा कर दिया।
वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की एंट्री भी हुई, जिसके बाद कोर्ट ने 11 जुलाई को सुनवाई करने की बात कही है। राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश के बाद उद्धव ठाकरे ने 29 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था
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