संसद में TMC सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमलावर हुईं। महुआ ने कहा कि यूपी में 70 सीटें खोने का ही डर था, जो केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए। इससे पहले गुरुवार सुबह महुआ ने भाजपा पर तंज कसते हुए एक ट्वीट भी किया।
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद महुआ ने लिखा- मैं लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने जा रही हूं। BJP से कहना चाहूंगी कि वो अपनी हेकलर टीम (बाधा डालने वाले लोग) को तैयार कर ले और गोमूत्र के कुछ शॉट भी पीकर आएं।
लोकसभा में गरजीं महुआ
महुआ सदन में 14 मिनट लगातार बोलीं। उन्होंने कहा- यह सरकार इतिहास बदलना चाहती है। वह भविष्य से डरती है और वर्तमान पर अविश्वास करती है। राष्ट्रपति, अपने संबोधन की शुरुआत में, स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बोलते हैं जिन्होंने भारत के अधिकारों को सुरक्षित किया, लेकिन यह सिर्फ जुमला है।
महुआ बोलीं- इस बार चुनाव में चौधरी भूलेंगे नहीं
महुआ ने आगे कहा कि आपने हमारे अन्नदाता पर विश्वास नहीं किया जिन्होंने बार-बार कहा था कि कृषि कानून न लाएं। मुझे लगता है कि आपको 700 से ज्यादा किसानों की मौत का कोई पछतावा नहीं था। जैसे ही चुनाव नजदीक होते हैं, आप पगड़ी पहन लेते हैं और गठबंधन की पेशकश करते हैं, लेकिन इस बार चौधरी भूलेंगे नहीं।
महुआ ने यह आरोप भी लगाए
अपनी बात रखते हुए महुआ ने सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा- मुसलमानों को आज किराए पर घर नहीं मिल रहे हैं। उन पर देश में कोरोना फैलाने का आरोप लगाया जाता है, आर्थिक रूप से बहिष्कार किया जाता है। निर्धारित जगहों पर इबादत करने से रोका जाता है। सरकार की 80% हिंदू और 20% मुस्लिम की यह लड़ाई हमारे डरे हुए गणतंत्र को 100 फीसदी बर्बाद कर रही है।
हम भारतीयों को एक बात महसूस करने की जरूरत है कि अगर हमें गणतंत्र को बचाना है, तो यह केवल हम पर निर्भर है। मैं आप सभी से कह रही हूं, आप जंग का समय नहीं चुन सकते। बिगुल बज चुका है। अब लोगों को न्याय के लिए लड़ना होगा। आप ही हैं, जो देश के पास आखिरी उपाय है।
संसद से बाहर आकर महुआ लोकसभा स्पीकर पर भड़कीं
महुआ लोकसभा में बयान देते समय कुछ तेज आवाज में बोल रही थीं, इस पर लोकसभा स्पीकर ने उन्हें आराम से बोलने की नसीहत दी। उस समय महुआ ने कहा- ओके मैडम, गुस्सा आ ही जाता है। हालांकि, संसद से बाहर महुआ ने ट्वीट करके लोकसभा स्पीकर पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने लिखा-लोकसभा अध्यक्ष ने मुझे 13 से कम मिनट दिए थे, जब उनसे कहा गया तो उन्होंने दावा किया कि वह कुर्सी पर नहीं हैं, इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह मेरी महानता थी कि मैंने आपको पहले ही 13 मिनट दिए।
महुआ यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे लिखा, "मुझे गुस्से या प्यार के साथ बोलना चाहिए, इस पर लेक्चर देने वाली आप कौन हैं, ये आपका काम नहीं है अध्यक्ष मैडम। आप मुझे केवल नियमों पर ही सुधार सकती हैं। आप लोकसभा की मोरल साइंस की टीचर नहीं हैं।" जब महुआ बोल रहीं थीं तब आसंदी पर रमा देवी बैठी थीं।
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