राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पक्ष और विपक्ष सक्रिय हो गए हैं। एक तरफ ममता बनर्जी ने जहां 17 विपक्षी दलों के साथ दिल्ली में बैठक की। वहीं इस मीटिंग के चंद घंटे बाद ही सत्ता पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एक्टिव हो गए।
राजनाथ ने पहले बिहार के CM नीतीश कुमार और ओडिशा के CM नवीन पटनायक से बता की। इसके बाद उन्होंने शरद पवार और मायावती को भी फोन घुमाया। रक्षा मंत्री ने इसके बाद ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खड़गे से भी बात की। सरकार चाहती है कि नया राष्ट्रपति आम सहमति से चुन लिया जाए। राजनाथ ने इसी के तहत विपक्षी नेताओं से बातचीत की है।
पवार बोले- नाम पर रायशुमारी जारी
इससे पहले दिल्ली में ममता बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी दलों की मीटिंग करीब दो घंटे तक चली। बैठक में ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर गांधी जी के पोते गोपाल गांधी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम प्रपोज किया। इसके बाद शरद पवार ने भी कहा कि हम नाम पर रायशुमारी कर रहे हैं।
एक ही कैंडिडेट पर विपक्ष के नेता सहमत
बैठक में शिवसेना और कांग्रेस समेत 16 दल शामिल थे। आम राय यह बनी कि पूरे विपक्ष का एक ही कैंडिडेट होगा। इस बैठक में आम आदमी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया। उधर, न्योता न मिलने पर असदुद्दीन ओवैसी भी नाराज हो गए। इससे पहले मंगलवार को शरद पवार ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।
ममता की मीटिंग में ये दल हुए शामिल
बैठक में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो के लीडर्स शामिल हुए। इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की है।
कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी?
गोपालकृष्ण गांधी महात्मा गांधी के परपोते हैं। उनका जन्म 22 अप्रैल को 1945 को हुआ। पिता का नाम देवदास गांधी है। सी राजगोपालचारी उनके नाना थे। उन्होंने दिल्ली के स्टीफन कॉलेज से अंग्रेजी में मास्टर की डिग्री पूरी की। 77 साल के गोपाल गांधी 1968 से 1992 तक IAS अधिकारी के रूप में विदेशों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
रिटायरमेंट के बाद वे राजनीति में भी अपना हाथ आजमा चुके हैं। 2017 के उपराष्ट्रपति चुनाव में भी वे विपक्ष की ओर से उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव में एम वेंकैया नायडू से हार गए थे। इससे पहले 1997 में वे बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुके हैं।
येचुरी ने पहले मना किया, फिर मीटिंग में आए
ममता बनर्जी और एनसीपी चीफ शरद पवार बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए थे। 14 जून को दिल्ली में ममता ने एनसीपी चीफ शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात की। उधर, माकपा के सीताराम येचुरी ने स्पष्ट किया कि NCP नेता शरद पवार राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार नहीं होंगे। उन्होंने ये भी कहा कि ममता के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में माकपा का शीर्ष नेतृत्व हिस्सा नहीं लेगा। हालांकि, बुधवार को हुई बैठक में वे खुद शामिल हुए।
ममता ने 22 नेताओं को लिखी थी चिट्ठी
ममता ने विपक्ष के 8 सीएम सहित 22 नेताओं को चिट्ठी लिखकर बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया था। खास बात यह है कि इस बैठक में कांग्रेस भी शामिल हुई। कांग्रेस की ओर से इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होना है जिसको लेकर विपक्ष भाजपा के खिलाफ लामबंद हो रहा है।
शरद पवार और खड़गे का भी नाम उछला
इससे पहले खबरें आ रही थीं कि विपक्षी दल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एनसीपी नेता शरद पवार के नाम पर सहमत नजर आ रहे हैं। शरद पवार से पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की खबरें आ रही थीं।
बंगाल सीएम ने इन नेताओं को भेजा न्योता
ममता बनर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पिनराई विजयन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी समेत 22 नेताओं को पत्र लिखा है।
24 जुलाई को खत्म हो रहा है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल
18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, वहीं 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। संविधान के नियमों के अनुसार देश में मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पहले अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
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