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बाल विवाह विरोधी मुहिम में गिरफ्तारियों से लोग दहशत में:असम में शादियां टल रहीं, दस्तावेज में उम्र सुधार के लिए दौड़ रहे लोग

सत्यनारायण मिश्रा, गुवाहाटी4 महीने पहले
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असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान में गिरफ्तारियां 5वें दिन जारी रहीं। 4,074 एफआईआर को लेकर 2528 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अभियान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बावजूद राज्य सरकार का रुख सख्त है। इस बीच, दहशत में आए बहुत से लोगों ने अपने बच्चों की प्रस्तावित शादी टाल दी है।

रिश्तेदारों को विवाह टालने की सूचनाएं दे दीं हैं। बदनामी के डर से शादियां टालने वाले अपना नाम तो नहीं बता रहे, लेकिन विवाह स्थलों और होटलों आदि से बुकिंग रद्द होने की गुवाहाटी में ही 4 जगह पुष्टि हो चुकी है। एक युवती रेशमा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसके कहने पर परिजन ने शादी टाल दी है, क्योंकि दस्तावेज के हिसाब से 18 साल उम्र पूरी होने में एक महीना बचा हुआ है।

यह तो एक उदाहरण मात्र है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस तरह से शादियां टलने के कई मामले सामने आए हैंं। इसके साथ ही एक बड़ा वर्ग दस्तावेज में तारीख, नाम जैसी चीजें सुधरवाने के लिए भागदौड़ कर रहा है। इसके अलावा कई शादीशुदा महिलाएं ऐसी भी हैं, जो खुद को विवाह के समय बालिग साबित करने वाले दस्तावेज सुधरवाने के लिए इधर से उधर चक्कर काट रही हैं।

गिरफ्तार लोगों की तादाद बढ़ रही, स्टेडियम को बनाया जा रहा जेल
असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों को गैर आदतन अपराधियों को अलग रखने के लिए माटिया ट्रांजिट कैंप के अलावा सिलचर के स्टेडियम को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी है। इस बीच, डीजीपी ने कहा कि अब सबसे बड़ी चुनौती चार्जशीट दायर करना होगी।

लोग बोले- बहू ने गलत जानकारी दी, बेटे को उसकी सजा मिल रही
जमालुद्दीन नामक एक ग्रामीण का बेटा रजीबुल हुसैन भी पुलिस हिरासत में है। उसका आरोप है कि उसे बहू की आधार में लिखी जन्मतिथि के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। जबकि शादी के समय दोनों बालिग थे। बहू ने गर्भावस्था में आशा कर्मी को अपना आधार विवरण दिया था। अब बहू पुराने पहचान दस्तावेज में जन्म तिथि सुधरवाने के लिए अपने मायके मोरीगांव जाने को मजबूर है।

त्रुटिपूर्ण दस्तावेज से लाभ लिया, तब सुधार क्यों नहीं कराया: पुलिस
दक्षिण शालमारा के एक व्यक्ति ने दावा किया कि अधिकांश बाल विवाह के मामले स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से जुटाए गए। लोगों ने उन्हें अपने आधार कार्ड दिए, जिनमें जन्मतिथि आदि से संबंधित बड़ी गलतियां हैं। गलत गिरफ्तारी के बारे में पुलिस अधिकारी ने कहा कि लोग सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए इन दस्तावेज का उपयोग कर रहे हैं। उस वक्त गलतियां क्यों नहीं सुधरवाईं।

गर्भवतियों में 17% नाबालिग
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य में पिछले साल 6,20,867 महिलाएं गर्भवती हुईं। इनमें से 19 साल या उससे कम उम्र की 1,04,264 यानी 17 फीसदी किशोरियां गर्भवती पाई गईं।