NCP प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को वीडी सावरकर पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने नागपुर में एक प्रेस क्लब को संबोधित करते हुए कहा कि सावरकर के देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान को कोई नजर अंदाज नहीं कर सकता, लेकिन इसे राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाना चाहिए, खासकर तब जब देश में पहले से ही बहुत सारे मुद्दे हैं, जिनपर ध्यान देने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने राहुल के ब्रिटेन में कथित तौर पर भारत के खिलाफ दिए गए बयान का बचाव किया।
शरद पवार का बयान ऐसे समय पर आया है, जब तीन दिन पहले कांग्रेस ने भरोसा दिलाया था कि पार्टी सावरकर के मुद्दे पर अब चूप रहेगी। ऐसे में अब NCP प्रमुख का यह बयान कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
बता दें कि सावरकर पर बयान को लेकर राहुल गांधी हमेशा भाजपा के निशाने पर रहते हैं। भाजपा उनके सम्मान में सावरकर गौरव यात्रा भी निकाल रही है। शिवसेना ने भी राहुल के सावरकर वाले बयान पर आपत्ति जता चुकी है।
सावरकर के बारे में चर्चा करने की जरूरत नहीं- शरद पवार
प्रेस क्लब में राहुल के सावरकर पर बयान को लेकर एक सवाल पूछा गया। जिसका जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा कि हाल ही में 18-20 पार्टियां एक साथ बैठीं और देश के समक्ष मौजूद मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि सरकार देश को किस ओर ले जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि सावरकर ने कई प्रगतिशील बातें कही हैं। हमें उनके प्रगतिशील पक्ष को देखना चाहिए। आज वे नहीं हैं, इसलिए जो नहीं हैं उनके बारे में किसी विषय पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है। सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। यह पुरानी बात है।
NCP प्रमुख बोले- सावरकर के बलिदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते
NCP प्रमुख ने कहा कि 32 साल पहले हमने संसद में सावरकर के बारे में कुछ बातें कही थीं, लेकिन वह पर्सनल नहीं थी। मैं हिंदू महासभा के खिलाफ था, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। हम देश की आजादी के लिए सावरकर के बलिदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
पवार ने बताया- सावरकर ने रत्नागिरी में मकान बनाया था और उसी के सामने छोटे से मंदिर का भी निर्माण कराया था। सावरकर ने मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी बाल्मिकी समाज के व्यक्ति को दी थी। मेरा मनाना है कि वह बहुत ही प्रगतिशील बात थी।
पवार के दखल से सावरकर विवाद सुलझा
सावरकर के संवेदनशील मुद्दे को लेकर पिछले बुधवार को NCP प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बीच बैठक हुई थी।
बैठक के दौरान NCP नेता और सोनिया गांधी ने शिवसेना को भरोसा दिया था कि सावरकर के मुद्दे पर अब कांग्रेस चूप रहेगी। इसके बाद राहुल गांधी के टि्वटर हैंडल पर सावरकर संबंधी कोई टिप्पणी दिखाई नहीं दी। माना जा रहा है कि सुलह के बाद उन्होंने सभी ट्वीट डिलीट कर दिए हैं।
दरअसल, राहुल ने कभी सीधे तौर पर सावरकर को लेकर ट्वीट नहीं किया था, बल्कि पार्टी समर्थकों की टिप्पणियों को रीट्वीट किया जाता था, लेकिन अब उनके ऑफिशियल हैंडल पर सावरकर के बारे में कोई भी ट्वीट नहीं है।
राहुल गांधी ने ब्रिटेन वाले बयान का बचाव किया
शरद पवार ने राहुल गांधी के ब्रिटेन वाले स्पीच को सही ठहराते हुए कहा कि वे पहले ऐसे नेता नहीं है, जिन्होंने विदेशी धरती से भारत के मुद्दे की बात की हो।
उन्होंने कहा- यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा नहीं है कि आज आलोचना की जा रही है, अतीत में भी नेताओं ने सरकार की आलोचना की है। केवल अब ऐसे मुद्दों को बार-बार उठाया जा रहा है। अगर देश में किसी मुद्दे पर लोगों को समस्या है और कोई उनकी बात करता है तो उन मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
राहुल पर और केस करने की तैयारी में भाजपा कार्यकर्ता
राहुल को लेकर गर्माए सियासी माहौल को भाजपा बनाए रखना चाहती है। इसके लिए सावरकर, संघ और भाजपा के अन्य नेताओं के नाम पर राहुल की टिप्पणी की फेहरिस्त तैयार की जा रही है, ताकि उन पर मानहानि के और नए केस दर्ज कराए जा सकें।
इसी कड़ी में पिछले बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा- राहुल गांधी को लगता है कि वह देश के संविधान और संस्थाओं से ऊपर हैं। वह सोचते हैं कि उन पर कार्रवाई नहीं हो सकती है। भाजपा के एक नेता का कहना है कि, भाजपा ही नहीं, आम जनता भी राहुल की ओर से किए गए अपमान को लेकर शिकायत दर्ज करा सकती है।
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