नेपाल की तारा एअर का 9NAET डबल इंजन एयरक्राफ्ट उड़ान भरने के बाद से लापता है। इसमें 3 क्रू मेंबर समेत 22 यात्री हैं। इनमें 4 भारतीय हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह छोटा एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरक्राफ्ट में अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, ऋतिका त्रिपाठी और वैभवी नाम के 4 भारतीय थे। सभी शव क्रैश साइट से बरामद कर लिए गए हैं। 10 शवों को पहले ही खबांग-मस्टैंग बेस स्टेशन लाया जा चुका था। मरने वाले लोगों में से दो शवों को बेस स्टेशन लाया जा रहा है। साइट से ब्लैक बॉक्स भी बरामद किया गया है। नेपाल सेना के प्रवक्ता मौसम को ध्यान में रखकर शवों को पोखरा के रास्ते काठमांडू भेजा जाएगा।
नेपाल में इंडियन एम्बेसी ने हेल्पलाइन नंबर 977-9851107021 जारी किया है।
नेपाल आर्मी के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बताया कि प्लेन लाम्छी नदी के किनारे क्रैश हुआ है। यह मुस्तांग जिले के मानापती हिमाल क्षेत्र की नदी है। बेहद खराब मौसम के चलते हमें सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल बंद करना पड़ा है। इलाके में बर्फबारी और बारिश हो रही है।
नेपाल एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक एयरक्राफ्ट ने पोखरा से जोमसोम के लिए रविवार सुबह 9:55 बजे उड़ान भरी थी। 10:20 बजे लैंड करना था, लेकिन 11 बजे के बाद भी इससे संपर्क नहीं हो पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरक्राफ्ट 30 साल पुराना था।
क्या क्रैश हुआ एयरक्राफ्ट?
सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल (CAAN) के मुताबिक, सर्च ऑपरेशन में जुटी नेपाल आर्मी का हेलिकॉप्टर उस एरिया तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था, जहां आखिरी बार इस एयरक्राफ्ट की लोकेशन मिली थी। CAAN के मुताबिक प्लेन के एक कैप्टन का मोबाइल फोन चालू था, उसकी लोकेशन को जब ट्रेस किया गया तो एयरक्राफ्ट की भी लोकेशन मिल गई। हालांकि इस बारे में ऑफिशियली कुछ नहीं कहा गया है।
खोज में जुटे सेना के हेलिकॉप्टर
नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि एक MI-17 हेलिकॉप्टर मुस्टांग के लिए भेजा गया था। हो सकता है कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया हो। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फदिंद्र मणि पोखरेली ने कहा- हमने विमान की तलाश के लिए मुस्टांग और पोखरा में दो हेलिकॉप्टर लगाए हैं। पुख्ता तौर पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
2 जर्मन यात्रियों सहित कुल 22 पैसेंजर
तारा एअर के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला के मुताबिक 3 क्रू मेंबर सवार थे। यात्रियों में 13 नेपाली, 4 भारतीय और 2 जर्मन यात्री भी थे। भारतीयों के अलावा 15 अन्य यात्रियों के नाम सामने आए हैं- इंद्र बहादुर गोले, पुरुषोत्तम गोले, राजन कुमार, मिल ग्रांट, बसंत लामा, गणेश नारायण, रवीना श्रेष्ठा, रश्मी श्रेष्ठा, रोजीना श्रेष्ठा, प्रकाश सुनवार, माकर बहादुर तमांग, रम्या तमांग, सुकुम्या तमांग, तुलसादेवी तमांग और युवी विल्नर।
पहाड़ों के बीच से उड़ान भरते हैं प्लेन
पुलिस अधिकारी रमेश थापा ने कहा- ट्विन ओटर प्लेन के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसकी तलाश जारी है। पिछले कुछ दिनों से यहां बारिश हो रही थी, लेकिन सभी फ्लाइट्स सामान्य रूप से चल रही थीं। घाटी में उतरने से पहले प्लेन पहाड़ों के बीच उड़ान भरते हैं। यह इलाका उन विदेशी पर्वतारोहियों के बीच मशहूर है जो पर्वतीय पगडंडियों पर ट्रेकिंग करते हैं। इसी रास्ते पर भारतीय और नेपाली तीर्थयात्री मुक्तिनाथ मंदिर की यात्रा भी करते हैं।
2016 में भी इसी रास्ते पर हुआ था हादसा
रविवार से पहले साल 2016 में तारा एयर का एक विमान नेपाल के पोखरा से जोमसोम जा रहा था, तब भी उसका संपर्क टूट गया था। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई।
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