नेपाल में प्लेन क्रैश, मलबे से 70 शव निकाले गए:लापता चार लोगों की तलाश जारी; विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, सेना जांच करेगी

काठमांडू4 महीने पहले
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नेपाल में रविवार सुबह क्रैश हुए यति एयरलाइंस के प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिला गया है। इसे जांच के लिए सेना को सौंप दिया गया है। एयरपोर्ट ऑथरिटी के सूत्रों के मुताबिक, आज सुबह लापता लोगों के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ब्लैक बॉक्स मिला। ब्लैक बॉक्स पूरी तरह से सुरक्षित है और उसे जांच दल को सौंपने की तैयारी है।

राहत और बचाव कार्य में जुटे लोगों ने अब तक 70 शव बरामद बरामद किए हैं। वहीं, पोखरा अस्पताल में सिर्फ 24 शवों का ही पोस्टमार्टम किया जाएगा। 2 लोग लापता हैं, जिन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 42 शवों की पहचान हो चुकी है। उधर, नेपाली आर्मी के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी ने सोमवार को कहा कि उन्हें दुर्घटना स्थल से अभी तक कोई भी जिंदा नहीं मिला।

दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स नेपाली सेना की रेस्क्यू टीम ने जांच दल को सौंप दिया है।
दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स नेपाली सेना की रेस्क्यू टीम ने जांच दल को सौंप दिया है।

लापता चारों शव बच्चों के होने का अनुमान
त्रिभुवन अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल के महाप्रबंधक प्रेमनाथ ठाकुर ने बताया कि विमान में 2 साल से कम उम्र के 3 और 10 साल से कम उम्र के 3 बच्चे सवार थे। सभी वयस्क पुरूष महिलाओं के शव इकठ्ठा किए जा चुके हैं। अब तक बच्चे जैसा एक ही शव मिल पाया है यानी जो भी बचे हुए शव हैं वो सभी बच्चों के ही होंगे। बच्चों का शव होने के कारण ढूंढने में काफी कठिनाई हो रही है।

रेस्क्यू टीम ने बताया कि विमान का पिछला हिस्सा भी पहाड़ की चोटी पर मिला और पिछले हिस्से के पास ही ब्लैक बॉक्स बरामद हुआ।
रेस्क्यू टीम ने बताया कि विमान का पिछला हिस्सा भी पहाड़ की चोटी पर मिला और पिछले हिस्से के पास ही ब्लैक बॉक्स बरामद हुआ।

लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले पहाड़ से टकराया प्लेन
प्लेन काठमांडू से लगभग 200 किलोमीटर दूर पोखरा एयरपोर्ट पर लैंडिंग से सिर्फ 10 सेकेंड पहले पहाड़ से टकराया और नदी में जा गिरा। प्लेन ATR-72 में 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे। 68 शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चार लोग लापता हैं। इनकी तलाश में स्थानीय प्रशासन ने नदी में गोताखोरों को भी उतारा था, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंधेरा होने पर कल सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया था।

हादसे में लापता 4 लोगों को ढूंढने के लिए आज सर्च ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया गया है।
हादसे में लापता 4 लोगों को ढूंढने के लिए आज सर्च ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया गया है।

शवों को आज परिजनों को सौंपने की तैयारी
विमान हादसे में मरने वालों के शवों को आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद आज उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। कास्की के सहायक मुख्य जिला पदाधिकारी अनिल शाही ने बताया कि चिन्हित शवों को सुबह नौ बजे से प्रक्रिया पूरी कर संबंधित परिवारों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अज्ञात, विदेशी नागरिकों और जिन लोगों के रिश्तेदार काठमांडू में हैं, उनके शवों को हेलीकॉप्टर से भेजने की तैयारी की जा रही है।

यति एयरलाइंस के प्लेन ATR-72 ने रविवार को काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरी थी।
यति एयरलाइंस के प्लेन ATR-72 ने रविवार को काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरी थी।

भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए
हादसे को लेकर भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इनमें दिवाकर शर्मा: +977-9851107021 काठमांडू और लेफ्टिनेंट कर्नल शशांक त्रिपाठी: +977-9856037699 पोखरा क्षेत्र के लिए हैं। इन दोनों नंबरों पर मृतक भारतीय यात्रियों के परिजन किसी भी प्रकार की मदद के लिए बातचीत कर सकते हैं।

काठमांडू से पोखरा जा रही थी फ्लाइट
हादसा कासकी जिले के पोखरा में पुराने एयरपोर्ट और पोखरा एयरपोर्ट के बीच हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्लाइट ने काठमांडू से पोखरा जाने के लिए रविवार सुबह 10:33 बजे उड़ान भरी थी। पोखरा एयरपोर्ट काठमांडू से 206 किमी दूर है। यहां पहुंचने में 25 मिनट लगते हैं। पोखरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लैंडिंग से महज 10 सेकेंड पहले विमान पहाड़ी से टकरा गया। इससे प्लेन में आग लग गई और वह खाई में जा गिरा।

मैकेनिकल खराबी की वजह से क्रैश हुआ प्लेन
सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल की तरफ से कहा गया है कि मैकेनिकल खराबी की वजह से दुर्घटना हुई है। उड़ान से पहले सभी टेक्निकल जांच और प्रोसेस को पूरा किया गया था और उसमें कोई भी टेक्निकल खराबी नहीं दिखाई दी थी। हादसे की जो तस्वीरें और फुटेज सामने आई हैं, उन्हें देखकर किसी के भी जीवित बचने की उम्मीद नहीं है।

सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थीं, इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना होने की बात नहीं कही जा सकती है। शुरुआत में कहा गया था कि हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ है।

हादसे के बाद विमान नदी किनारे की इस खाई में जा गिरा। इस वजह से बचाव कार्य में खासी दिक्कत हुई।
हादसे के बाद विमान नदी किनारे की इस खाई में जा गिरा। इस वजह से बचाव कार्य में खासी दिक्कत हुई।

पायलट ने 2 बार लैंडिंग की परमिशन मांगी
पोखरा एयरपोर्ट एटीसी के सोर्सेज के मुताबिक हादसा रनवे से महज कुछ मीटर दूर हुआ। पोखरा का रनवे पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बना हुआ है। पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी थी और परमिशन मिल भी गई थी। थोड़ी देर में पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और उसे दोबारा परमिशन दे दी गई, लेकिन लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हादसे के करीब दो से तीन घंटे के बाद आर्मी ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जिम्मा संभाला।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हादसे के करीब दो से तीन घंटे के बाद आर्मी ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जिम्मा संभाला।

क्रैश होने के एक घंटे बाद मिली हादसे की खबर
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हादसा रविवार सुबह 10.57 बजे के करीब हुआ। विमान पहाड़ी से टकराकर येति नदी के पास खाई में जा गिरा। स्थानीय लोग राहत और बचाव के लिए पहुंच गए। हालांकि मीडिया में यह खबर एक घंटे बाद यानी दोपहर करीब 12 बजे आई।

जिस एयरपोर्ट पर लैंडिंग होनी थी, उसे चीन ने बनाया; 1 जनवरी को हुआ था उद्घाटन
चीन की मदद से तैयार हुए पोखरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दो हफ्ते पहले यानी इसी साल एक जनवरी को नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने उद्घाटन किया था। यह परियोजना के चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) सहयोग का हिस्सा थी। काठमांडू पोस्ट अखबार के मुताबिक, एयरपोर्ट निर्माण के लिए नेपाल सरकार ने चीन के साथ मार्च 2016 में 22 अरब रुपए के सॉफ्ट लोन समझौते पर दस्तखत किए थे।

हिमालय की खूबसूरत वादियों के बीच बने पोखरा एयरपोर्ट का उद्घाटन 1 जनवरी को ही नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने किया था।
हिमालय की खूबसूरत वादियों के बीच बने पोखरा एयरपोर्ट का उद्घाटन 1 जनवरी को ही नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने किया था।

विमान के मलबे से 68 शव निकाले गए
पोखरा के जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी ने बताया कि विमान के मलबे से 68 शव निकाले जा चुके हैं। हालांकि चश्मदीदों का कहना है कि हादसे में कोई भी जिंदा नहीं बचा। अभी तक सिर्फ पांच शवों की पहचान हो पाई है। बाकी शवों को पहचानना मुश्किल है। घटनास्थल से दो लोगों को जीवित निकाला गया, दोनों मछुआरे थे। अब तक 20 शवों की पहचान हो गई है। पहचान नहीं हुए शवों को DNA परीक्षण के लिए हेलिकॉप्टर के जरिए काठमांडू भेजा जाएगा।

हादसे के बाद बचाव कार्य के दौरान लोगों को तलाश करती रेस्क्यू टीम, स्थानीय लोगों ने भी उनकी मदद की।
हादसे के बाद बचाव कार्य के दौरान लोगों को तलाश करती रेस्क्यू टीम, स्थानीय लोगों ने भी उनकी मदद की।

विमान में 5 भारतीय समेत 14 विदेशी नागरिक थे
विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रेंच नागरिक थे। इनमें 3 नवजात और 3 लड़के भी शामिल हैं। पांचों भारतीय यूपी के थे। एयरलांइस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि विमान के मलबे से अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है।

नेपाल की सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि मैकेनिकल खराबी की वजह से विमान क्रैश हुआ।
नेपाल की सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि मैकेनिकल खराबी की वजह से विमान क्रैश हुआ।

प्लेन का हादसे से पहले का वीडियो वायरल, इसमें विमान एक तरफ झुकता नजर आया....

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें हादसे के ठीक पहले प्लेन अचानक झुकता हुआ दिखाई दे रहा है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें हादसे के ठीक पहले प्लेन अचानक झुकता हुआ दिखाई दे रहा है।

वही विमान क्रैश, जिसने डेमो फ्लाई किया था
यति एयरलाइंस का 9N ANC विमान ने पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के दिन यानी 1 जनवरी 2023 को डेमो फ्लाई किया था। इस विमान की क्षमता 70 यात्रियों की थी, इनमें क्रू शामिल नहीं है। इसकी मैक्सिमम स्पीड 309 मील यानी करीब 500 किलोमीटर/घंटा थी। दो इंजन वाले इस विमान में प्रैट एंड व्हिटनी PW 127 इंजन लगे हुए थे।

यति एयरलाइंस का यह विमान पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के समय डेमो फ्लाइट के लिए इस्तेमाल हुआ था।
यति एयरलाइंस का यह विमान पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के समय डेमो फ्लाइट के लिए इस्तेमाल हुआ था।

नेपाल में 13 साल में 8 बड़े विमान हादसों में 198 मौतें हुईं

नेपाल में पिछले साल प्लेन हादसे में 22 मौतें हुई थीं
नेपाल में पिछले साल मई में भी प्लेन क्रैश होने से 19 पैसेंजर और 3 क्रू मेंबर्स की जान चली गई थी। इस विमान में 4 भारतीय भी थे। नेपाल आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम को मुस्तांग के सैनोसवेयर इलाके की पहाड़ी पर मलबा मिला था। एयरक्राफ्ट 43 साल पुराना था। तारा एयरक्राफ्ट क्रैश की जांच के लिए नेपाल सरकार ने 5 सदस्यीय कमीशन बनाया था, जिसे प्लेन क्रैश की घटनाओं से बचने के लिए सुझाव देने का काम भी सौंपा गया था।

पिछले साल हादसे के बाद प्लेन का मलबा सैनोसवेयर की पहाड़ी पर मिला था।
पिछले साल हादसे के बाद प्लेन का मलबा सैनोसवेयर की पहाड़ी पर मिला था।

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