नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार आधी रात से 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 93 ठिकानों पर छापेमारी की। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में PFI से जुड़े 106 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार होने वालों में संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल है।
NIA और ED के 500 अफसर सर्च ऑपरेशन में शामिल थे। NIA के सूत्रों ने बताया- 5 मामलों में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये PFI नेता, कैडर आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसे, हथियार चलाने के ट्रेनिंग देने वाले लोग हैं। ये लोगों को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाने का काम करते थे।
NIA और ED की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी और राजस्थान में चली। कार्रवाई के बीच गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। मीटिंग में NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला और NIA के महानिदेशक मौजूद रहे।
छापेमारी के दौरान से गिरफ्तार किए गए पीएफआई से जुड़े 18 आरोपियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सभी को 4 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
क्यों हुई छापेमारी, 3 वजहें...
छापेमारी के विरोध में सड़क पर उतरे PFI कार्यकर्ता
NIA, ED छापेमारी खिलाफ PFI के कार्यकर्ता केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु में सड़कों पर उतर आए हैं। केरल में कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम भी किया, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बलप्रयोग किया।
इधर, PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आवाज दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। सेंट्रल एजेंसी हमें प्रताड़ित कर रही है। केरल में शुक्रवार को PFI ने एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।
PFI पर NIA कार्रवाई की 3 तस्वीरें...
2 बड़े विवादों में आया PFI का नाम
झारखंड में बैन है संगठन, केंद्र के भी रडार पर
समाज में सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में PFI अभी सिर्फ झारखंड में ही बैन है। इसके खिलाफ संगठन ने कोर्ट में अपील भी की है। वहीं केंद्र सरकार भी PFI पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए अगस्त में ही एक टीम बनाई गई थी, जिसे 3 मोर्चे पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
PFI नेता कासिमी ने विवादित बयान दिया था
18 सितंबर को केरल के कोझिकोड में एक रैली के दौरान PFI नेता अफजल कासिमी ने कहा था- संघ परिवार और सरकार के लोग हमें दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस्लाम पर जब भी खतरा होगा, तब हम शहादत देने से पीछे नहीं हटेंगे। कासिमी ने कहा- यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और मुसलमानों को जिहाद के लिए तैयार रहना है।
केरल में 12 साल पहले ईशनिंदा के आरोप में प्रोफेसर का हाथ काटा गया, PFI से जुड़े थे आरोपी
केरल में 2010 में कॉलेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ कट्टरपंथियों के निशाने पर आए थे। प्रोफेसर जोसेफ ने परीक्षा के लिए तैयार क्वेश्चन पेपर में 'मोहम्मद' नाम लिखा था। जोसेफ पर धार्मिक भावनाएं आहत करने और ईशनिंदा का आरोप लगा। कट्टरपंथी उनके दाएं हाथ को काटकर बोले- इस हाथ से तुमने पैगंबर का अपमान किया। इसलिए इस हाथ से अब तुम्हें दोबारा कभी नहीं लिखना चाहिए। यह पहली घटना थी जब भारत में PFI का नाम ईशनिंदा के खिलाफ किसी मामले में जुड़ा था। पढ़िए भास्कर की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...
2007 में गठन, 20 राज्यों में विस्तार
2007 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।
NIA के रडार पर PFI से जुड़े मौलाना और स्कॉलर:कन्हैयालाल मर्डर से लेकर करौली-जोधपुर के दंगों में आया नाम, जकात के नाम पर फंडिंग
रामनवमी पर राजस्थान के करौली में भड़की हिंसा, जोधपुर में ईद-अक्षय तृतीया पर दंगे और उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल का सिर कलम कर हत्या। इन सभी मामलों में एक संगठन का नाम बार-बार आता रहा है। वो है- PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)। अब नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) गुरुवार सुबह से 10 राज्यों में PFI के कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इससे जुड़े कई मौलाना और स्कॉलर रडार पर हैं।
टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई के तहत अब तक देशभर से संगठन से जुड़े 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जयपुर, उदयपुर, कोटा व बारां में PFI से जुड़े लोगों पर NIA रेड चल रही है। राजस्थान में 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
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