केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार में कहा कि मैं देश में एक्सप्रेस-वे पर लगने वाले टोल टैक्स का फादर हूं। उन्होंने बताया कि मैंने 1990 के दशक के आखिर में राज्य मंत्री के रूप में महाराष्ट्र में पहली ऐसी सड़क बनाई थी, जहां टोल टैक्स लगता है। केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। दरअसल, संसद के सदस्यों ने शहर की सीमा के भीतर एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा लगाने पर चिंता जताई थी। उनका तर्क था कि किसी छोटे से काम के लिए शहर के भीतर आने पर भी लोगों को टोल देना पड़ता है, जो सही नहीं है। इस पर नितिन गडकरी ने आश्वासन दिया कि हम इस समस्या पर काम कर रहे हैं, जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा।
कांग्रेस सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह समस्या कांग्रेस की सरकार में पैदा हुई थी। 2014 के पहले शहरी क्षेत्र के पास टोल लगाया जाता था, जिसका खामियाजा लोग आज तक भुगत रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण और गैरकानूनी है। शहर के लोग एक्सप्रेस-वे पर 10 किमी चलते हैं और उनसे 75 किमी के लिए टोल वसूला जाता है।
गडकरी ने कहा कि इसे सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य, मैं इस टोल का जनक हूं। देश में पहली बार मैंने टोल सिस्टम शुरू किया था। 1995 और 1999 के बीच जब मैं महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री था तब मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे परियोजना शुरू की गई थी। अब हम इसे सुधारने पर काम कर रहे हैं।
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