नई दिल्ली. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 31 दिसंबर 2018 तक के आंकड़ों के अनुसार जिरोधा नाम की स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी सबसे ज्यादा कस्टमर के आधार पर भारत की सबसे बडी शेयर ट्रेडिंग कंपनी बन गई है। आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज और एचडीएफसी सिक्युरिटीज जैसी बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़कर यह मुकाम पाने में कंपनी को सिर्फ 8 वर्ष लगे। कंपनी के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का कहना है कि शेयर मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग करना एक खास स्किल है। सिर्फ स्टॉक मार्केट में निवेश से महंगाई को मात दी जा सकती है।
1) शुरू से मार्केट बढ़ाने पर दिया ध्यान
कंपनी के दो तिहाई ग्राहक पहली बार मार्केट में आए हैं
जीरो और अवरोध को मिलाकर जिरोधा शब्द बना है। नितिन के अनुसार इसका अर्थ है अवरोध विहीन ट्रेडिंग। उनका कहना है कि जिरोधा ने उन समस्याओं को दूर करने की कोशिश की जिनका सामना वे ट्रेडिंग के दौरान करते थे। वे सोचते थे कि ब्रोकरेज की दरें दो ग्राहकों के लिए अलग क्यों हैं? ट्रांजेक्शन के बजाय वॉल्यूम पर ब्रोकरेज फीस क्यों ली जाती है? इन्हीं सवालों के जवाब में जिरोधा ने भारत में डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल की शुरुआत की।
शुरू में हर ट्रांजेक्शन पर 20 रुपए फ्लैट चार्ज रखा। बाद में निवेशकों के लिए डिलीवरी चार्ज फ्री कर दिया गया। कंपनी ने एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआई) देना शुरू किया, जिसकी मदद से क्लाइंट्स पर्सनलाइज्ड ट्रेडिंग कर सकते थे। अब जिरोधा के ग्राहक काइट नामक मोबाइल और वेबबेस्ड सॉफ्टवेयर से ट्रेडिंग कर सकते हैं। क्वाइन सॉफ्टवेयर से डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स खरीद सकते हैं। नितिन कहते हैं कि उनकी कंपनी दूसरी कंपनियों के ग्राहकों को तोड़ना नहीं चाहती बल्कि वह मार्केट को बढ़ाना चाहती है।
नितिन टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कर रहे थे जब उन्होंने शेयर बाजार में ट्रेडिंग कि शुरुआत की। 2003 तक उन्हें नुकसान उठाना पड़ा, पर उन्होंने ट्रेडिंग बंद नहीं की। उन्होंने एक कॉल सेंटर में नौकरी कर ली ताकि दिन में ट्रेडिंग कर सकें और रात में नौकरी। नितिन कहते हैं कि 2008-09 में जब पूरी दुनिया में लोगों को शेयर बाजार में भारी नुकसान उठाना पड़ा था तब गिरते बाजार में बिकवाली करके उन्होंने अच्छे पैसे कमाए।
एक दिन जिम में उनकी मुलाकात अमेरिका से आए एक व्यक्ति से हुई जो नितिन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनसे अपने पैसे निवेश करने का आग्रह किया। इसके बाद नितिन को और क्लाइंट्स मिलने लगे। 2010 तक उनके छोटे भाई निखिल, जो तब तक उनसे भी अच्छी ट्रेडिंग करने लगे थे, भी साथ आ गए। उसी साल जिरोधा कि स्थापना हुई। शुरुआत में कंपनी में सिर्फ 5 लोग थे। तीन महीने में ही कंपनी ने लाभ कमाना शुरू कर दिया था।
भारत की टॉप 3 ब्रोकिंग कंपनियां
कंपनी | ग्राहक संख्या |
जिरोधा | 8,47,016 |
आईसीआईसीआई | 8,44,853 |
एचडीएफसी सिक्युरिटीज | 6,74,495 |
(स्रोत: एनएसई, 89,38,814 एक्टिव ग्राहक हैं भारत में सभी ब्रोकरों के पास)
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.