भारत में गलत सर्जरी से हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। नेशनल प्रैक्टिशनर डेटा बैंक (एनपीडीबी) के मुताबिक, 67% गलत सर्जरी के केस 40 से ज्यादा उम्र के डॉक्टर के हाथों हुए, जबकि 40 से कम वालों में ऐसे मामले सिर्फ 25% हैं। इसकी वजह अति आत्मविश्वास है, क्योंकि अनुभवी डाॅक्टरों को लगता है कि वे गलती नहीं कर सकते, जिससे वे लापरवाह हो जाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 60 या उससे ज्यादा उम्र के डॉक्टरों से इलाज कराने वाले 12% मरीज भर्ती होने के औसतन 30 दिन के अंदर जान गंवा देते हैं। जैसे-जैसे डॉक्टर की उम्र बढ़ती जाती है, उनके मरीजों की मृत्यु दर भी बढ़ जाती है। 40 से कम उम्र के डॉक्टरों में ऐसे मरीज 10.8%, 40 से 49 साल के बीच वालों में 11.1% और 50 से 59 साल वालों में 11.3% हैं।
अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन का कहना है कि ऐसे डॉक्टर, जिन्हें प्रैक्टिस करते हुए 20 साल हो चुके हैं, उनके गंभीर मरीजों की मृत्यु दर नए डॉक्टरों (5 साल से कम अनुभव) की तुलना में ज्यादा होती है। एक वजह यह भी है कि अनुभवी डॉक्टर नई तकनीकों से खुद को ज्यादा अपडेट नहीं रखते हैं।
समस्या- उम्रदराज डॉक्टर नई-नई तकनीक-शोध से अपडेट नहीं रहते
समाधान- ऐसे डॉक्टर को ही चुनें, जहां मरीजों की लाइनें लगती हों
सावधानी- छोटी-छोटी गलतियां भी रोक लें तो मौतें 50% घट जाएंगी
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