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SC ने कहा- नूपुर को टीवी पर माफी मांगनी थी:देश में जो हो रहा, उसकी जिम्मेदार आप; शर्तों के साथ माफी मांगना आपका घमंड

नई दिल्लीएक वर्ष पहले
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पैगंबर साहब पर विवादित बयान देने के लिए भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि नूपुर ने टेलीविजन पर धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने वाली टिप्पणी की। उन्होंने लोगों की भावनाएं भड़काई हैं और देशभर में जो कुछ भी हो रहा है, उसकी जिम्मेदार नूपुर ही हैं। उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया है।

कोर्ट ने कहा कि अपने बयान पर माफी भी उन्होंने शर्तों के साथ ही मांगी, वह भी तब, जब लोगों का गुस्सा भड़क चुका था। यह उनकी जिद और घमंड दिखाता है। कोर्ट ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है कि वे एक पार्टी की प्रवक्ता हैं। वे सोचती हैं कि उनके पास सत्ता का समर्थन है और वे कानून के खिलाफ जाकर कुछ भी बोल सकती हैं।

तल्ख कमेंट के बाद नूपुर की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने की उनकी याचिका भी खारिज कर दी। कोर्ट की फटकार के बाद नूपुर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि वे अपने बयान पर माफी मांग चुकी हैं और उन्होंने इसे वापस भी ले लिया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब माफी मांगी गई, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उन्हें उसी समय टीवी पर माफी मांगनी चाहिए थी। इसके बाद नूपुर के वकील ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी, कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी।

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुबह ग्यारह बजकर तीन मिनट पर सुनवाई शुरू हुई, जो साढ़े ग्यारह बजे तक चली। सुप्रीम कोर्ट में दो जजों ने ने 27 मिनट की सुनवाई के बाद कुल तीन लाइन के आदेश में नूपुर की याचिका का निपटारा कर दिया। हालांकि बेंच ने नूपुर पर जो चार सबसे तल्ख टिप्पणियां की थीं, उनका जिक्र कोर्ट के आदेश में नहीं था।

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका खारिज करने का तीन लाइन का आदेश जारी किया। इस आदेश में कोर्ट की तल्ख बातों का जिक्र नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका खारिज करने का तीन लाइन का आदेश जारी किया। इस आदेश में कोर्ट की तल्ख बातों का जिक्र नहीं है।

कोर्ट ने उदयपुर हत्याकांड का जिक्र किया
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने उदयपुर हत्याकांड का जिक्र भी किया। बेंच ने कहा कि नूपुर शर्मा ने बदजुबानी के साथ गैर जिम्मेदाराना बातें कहीं, बिना ये सोचे कि इसका अंजाम क्या होगा।

सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में क्या हुआ..

नूपुर के वकील: वह जांच में शामिल हो रही हैं। वह कहीं भाग नहीं रहीं।

सुप्रीम कोर्ट: क्या आपके लिए यहां रेड कारपेट होना चाहिए। जब आप किसी के खिलाफ शिकायत करती हैं, तो उस व्यक्ति को अरेस्ट कर लिया जाता है। आपके दबदबे की वजह से कोई भी आपको छूने की हिम्मत नहीं करता। इससे क्या फर्क पड़ता है कि आप एक पार्टी की प्रवक्ता हैं। आप सोचती हैं कि आपके पास सत्ता का समर्थन है और आप कानून के खिलाफ जाकर कुछ भी बोल सकती हैं।'

नूपुर के वकील: नूपुर को धमकियां मिल रही हैं। उनके लिए इस समय यात्रा करना सुरक्षित नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट: नूपुर को धमकियां मिल रही हैं या वे खुद सुरक्षा के लिए खतरा हैं? देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए वही जिम्मेदार हैं।

सुप्रीम कोर्ट: पैगंबर के खिलाफ नूपुर शर्मा की टिप्पणी या तो सस्ते प्रचार, राजनीतिक एजेंडे या कुछ नापाक गतिविधियों के लिए की गई थी। ये धार्मिक लोग नहीं हैं और भड़काने के लिए ही बयान देते हैं। ऐसे लोग दूसरे धर्म की इज्जत नहीं करते।

सुप्रीम कोर्ट: हमने देखा है कि बहस के दौरान नूपुर ने कैसे उकसाने वाली बात कही, उसके बाद भी वे कहती हैं कि मैं एक वकील हूं। यह शर्मनाक है। नूपुर को उसी समय TV पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी।

सुप्रीम कोर्ट: यह याचिका आपके घमंड को दिखाती है। आप लोअर कोर्ट की जगह सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं। देशभर के मजिस्ट्रेट कोर्ट आपके लिए छोटे हैं।

टीवी चैनल और दिल्ली पुलिस को भी फटकार
कोर्ट ने विवादित बहस को दिखाने वाले टीवी चैनल और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, 'दिल्ली पुलिस ने क्या किया? हमें मुंह खोलने पर मजबूर मत कीजिए। टीवी डिबेट किस बारे में थी? इससे केवल एक एजेंडा सेट किया जा रहा था। उन्होंने ऐसा मुद्दा क्यों चुना, जिस पर अदालत में केस चल रहा है।'

नूपुर के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका
शुक्रवार शाम को सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल हुई, जिसमें नूपुर शर्मा की जान को खतरा बताते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई है। यह याचिका चिट्ठी के जरिए भेजी गई है और फिलहाल इस पर कोर्ट का रुख सामने नहीं आया है।

नूपुर के बयानों को लेकर किस तरह विवाद बढ़ा, उसे आप इन खबरों में पढ़ सकते हैं..