SC का निर्देश- OROP एरियर का जल्द भुगतान करे सरकार:CJI ने केंद्र का सीलबंद जवाब लौटाया, कहा- यहां सीक्रेसी नहीं, ट्रांसपेरेंसी की जरूरत

नई दिल्ली3 महीने पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को वन रैंक वन पेंशन (OROP) के तहत एरियर यानी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने बकाये के भुगतान पर बंद लिफाफे में दी गई केंद्र सरकार का नोट स्वीकार करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस नोट को दूसरे पक्ष यानी रिटायर्ड सैनिकों के वकील के साथ भी शेयर करना होगा।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच OROP के तहत एरियर्स के बकाया भुगतान के लिए इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट (IESM) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा, 'हमें सुप्रीम कोर्ट में इस बंद लिफाफे वाले चलन को बंद करना होगा। ये मूलरूप से निष्पक्ष न्याय प्रक्रिया की व्यवस्था के खिलाफ हैं।'

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक CJI चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैं निजी तौर पर बंद लिफाफों के चलन के खिलाफ हूं। कोर्ट में पारदर्शिता होनी चाहिए। ये आदेशों को लागू करने के बारे में हैं। इसमें गोपनीय क्या हो सकता है।'

अगले एक साल में तक भुगतान करने के निर्देश
कोर्ट ने कहा है कि योग्य फैमिली पेंशनर्स और गैलेंट्री अवॉर्ड विजेताओं को 30 अप्रैल, 2023 तक एरियर का भुगतान करें। 70 साल से अधिक उम्र के योग्य पेंशनर्स को 30 जून 2023 तक और बाकी सभी योग्य पेंशनर्स को 30 अगस्त 2023, 30 नवंबर 2023 और 28 फरवरी 2024 से पहले बराबर किश्तों में भुगतान करें।

CJI बोले- हाईकोर्ट भी लेने लगेंगे सीलबंद जानकारी
CJI ने कहा कि हम सीलबंद लिफाफे वाली प्रक्रिया पर रोक लगाना चाहते हैं, क्योंकि बाद में इस प्रक्रिया को हाईकोर्ट भी अपनाने लगेंगे। ये निष्पक्ष न्याय की प्रक्रिया के खिलाफ होगा। इससे पहले अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में भी CJI ने सीलबंद जानकारी लेने से मना कर दिया था। तब केंद्र ने सीलबंद लिफाफे में विशेषज्ञ समिति में शामिल करने के लिए नामों का सुझाव दिया था।

न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ हैं सीलबंद जानकारी
CJI ने कहा कि अगर जानकारी से किसी की जिंदगी खतरे में आती है या इंफोर्मेशन सोर्स प्रभावित होता है तो गोपनीयता की जरूरत समझ में आती है। लेकिन ये बकाया पेंशन के भुगतान करने का मामला है। इसमें क्या गोपनीयता हो सकती है।

इसके बाद अटॉर्नी जनरल ने सबके सामने ये नोट पढ़कर सुनाया। उन्होंने पढ़ा- बजट के मुताबिक, हम (सरकार) एक बार में इतना बड़ा खर्च करने की क्षमता नहीं रखते हैं। हमारे पास संसाधन सीमित हैं और खर्चों को नियंत्रित करना जरूरी है। इस मामले में हमने फाइनेंस मिनिस्ट्री से बात की थी। मंत्रालय का कहना था कि वह एक बार में इतना बड़ा खर्च नहीं कर पाएगा।

13 मार्च को कोर्ट ने केंद्र के फैसले को एकतरफा बताया था
इससे पहले 13 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने 4 किस्तों में OROP के बकाए का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार के फैसले को एकतरफा बताया था। साथ ही केंद्र सरकार से सोमवार यानी आज के लिए भुगतान को लेकर एक नोट मांगा था। इसमें केंद्र सरकार को बताना था कि कितना भुगतान बकाया है और इसे कितने समय में चुकाया जाएगा।

इसी के साथ ये भी बताना था कि बुज़ुर्ग या विधवाओं को कैसे प्राथमिकता के साथ भुगतान किया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो सशस्त्र बलों के वीरता पुरस्कार विजेताओं और पेंशनभोगी अन्य परिवारों को 30 अप्रैल 2023 कर बकाये का भुगतान करे।

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