सत्ता जाने के बाद से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भारत की तारीफ करते नजर आ रहे हैं। शनिवार को इमरान खान ने स्लोवाकिया में एक रैली में भारत की विदेश नीति की जमकर तारीफ की। यहां उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो दिखाया, जिसमें जयशंकर रूस से सस्ता तेल खरीदने के सवाल पर जवाब दे रहे हैं।
इमरान बोले- ऐसा होता है आजाद मुल्क
यह वीडियो दिखाते हुए इमरान ने कहा कि यह होता है एक आजाद मुल्क। भारत जिसे पाकिस्तान के साथ आजादी मिली थी। अगर नई दिल्ली अपने लोगों की जरूरत के हिसाब से अपनी विदेश नीति बना सकता है तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार क्यों नहीं।
पाक के पूर्व पीएम ने कहा कि अमेरिका ने भारत को रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए कहा था, लेकिन भारत ने अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी होने के बाद भी उससे तेल खरीदा।
रूस से सस्ता तेल खरीदने पर जयशंकर का जवाब
वीडियो में देखा जा सकता है कि जब भारत के विदेश मंत्री से पूछा गया कि 'क्या देश हित के लिए आप इस युद्ध में पैसा लगा रहे हैं?' जयशंकर ने इसका जवाब दिया, 'क्या रूस से गैस खरीदना युद्ध में पैसा लगाना नहीं है? क्यों सिर्फ भारत का पैसा और भारत आने वाला तेल ही युद्ध की फंडिंग है, यूरोप आने वाली गैस नहीं।
अगर यूरोपीय, पश्चिमी देशों और अमेरिका को यूक्रेन की इतनी चिंता है तो वे क्यों ईरान और वेनेजुएला के तेल को बाजार में आने की अनुमति नहीं देते। उन्होंने तेल के हमारे अन्य सभी स्रोतों को बंद कर दिया और फिर कहते हैं कि आप मार्केट में नहीं जाएंगे और अपने लोगों के लिए सबसे अच्छा सौदा नहीं करेंगे।
पाकिस्तान की गुलामी के खिलाफ हूं: इमरान
इमरान खान ने बताया कि भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका को साफ शब्दों में कह दिया कि हम अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। जबकि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार अमेरिका के सामने झुक गई। देश में ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं, लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। ऐसे में मैं पाकिस्तान की गुलामी के खिलाफ हूं।
इमरान लगातार शहबाज सरकार पर अमेरिका के साथ मिलकर उन्हें अपदस्थ करने का आरोप लगा रहे हैं। शनिवार को उन्होंने फिर शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार को 'आयातित सरकार' करार दिया।
रूस से भारत कितना तेल इम्पोर्ट करता है?
रूस से भारत अभी महज 2% क्रूड ऑयल ही इम्पोर्ट करता है। साथ ही रूस से सालाना 3 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पादों का भी इम्पोर्ट करता है। भविष्य में इसके बढ़ने की पूरी संभावना है। वहीं भारत क्रूड ऑयल और अन्य वस्तुओं को रूस से रियायती कीमतों पर भी लेने पर विचार कर रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच भारत, रूस से और क्रूड ऑयल की खरीद कर सकता है।
इसका जवाब हैं हां, क्योंकि अमेरिका ने भी हाल में कहा है कि यदि भारत रूस से क्रूड ऑयल लेता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही इससे किसी प्रतिबंध का भी उल्लंघन नहीं होता है। इसी बीच कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल ने भी रूस से सस्ती कीमतों पर 30 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खरीद की है। बताया जा रहा है कि एक ट्रेडर के माध्यम से यह सौदा 20 से 25 डॉलर की छूट पर हुआ है।
किन देशों से भारत अभी तेल का इम्पोर्ट करता है?
ओपेक क्रूड ऑयल उत्पादक देशों का एक संगठन है। दुनिया भर में बेचे जाने वाले क्रूड ऑयल का 60% उत्पादन यहीं होता है। रूस ओपेक देशों में शामिल नहीं है, लेकिन साल 2017 के बाद से यह ओपेक के साथ तेल उत्पादन की सीमा तय करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि क्रूड ऑयल के दाम बेतहाशा नहीं बढ़ें। देखा जाए तो दुनिया के क्रूड ऑयल का 12% उत्पादन रूस में, 12% सऊदी अरब में और 16-18% उत्पादन अमेरिका में होता है।
भारत अपनी जरूरत का 85% क्रूड ऑयल इम्पोर्ट करता है। इसमें से 60% खाड़ी देशों से लेता है। वहीं क्रूड ऑयल इम्पोर्ट करने के लिए भारत सऊदी अरब और अमेरिका पर ज्यादा निर्भर है। भारत इसके अलावा इराक, ईरान, ओमान, कुवैत और रूस से भी तेल लेता है और कुछ स्पॉट मार्केट यानी खुले बाजार से भी खरीदता है।
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