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पीओके (अकबर अली). जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी आ गई है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान एक ओर दुनिया से कश्मीर मसले पर कूटनीतिक मदद की अपील कर रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान आर्मी ने चुपचाप पीओके में अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। बालाकोट हमले से सीख लेते हुए आर्मी इस बार पहले से कहीं ज्यादा सोच समझकर रणनीति बना रही है। इसीलिए घाटी से 370 हटने के अगले दिन से ही पाक सेना एलओसी पर सक्रिय हो गई।
पाक आर्मी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, सेना भारत के साथ एक छोटे युद्ध की तैयारी में जुटी है। आर्मी के अफसर कश्मीर में ‘स्टेट्स को’ बदलने के बाद सैन्य जवाब देने के लिए रणनीति बना रहे हैं। पाक मिलिट्री के एक कमांडिंग अफसर जो पीओके दाना सेक्टर में तैनात हैं, उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात किसी युद्ध की तैयारी से कम नहीं है। एलओसी के करीब जिस तरह से गोला-बारूद और साजो-सामान इकट्ठा किया जा रहा है, वो तरीका सामान्य नहीं है। हालात से ऐसा लगता है कि युद्ध कभी भी छिड़ सकता है।
4 इलाके सबसे अहम
पाकिस्तान आर्मी के ही एक अन्य उच्च स्तरीय सूत्र ने बताया है कि एलओसी के हर क्षेत्र में सेना की 6 ब्रिगेड जमा की जी रही हैं। सेना का मुख्य फोकस दाना और बाघ सेक्टर में है, क्योंकि लॉजिस्टिक और रणनीतिक रूप से ये क्षेत्र बेहद अहम हैं। इन ब्रिगेड्स के साथ हैवी आर्टिलरी भी इस इलाकों में पहुंचाई जा रही हैं। सबसे ज्यादा हैवी आर्टिलरी बाघ, लीपा और चंब सेक्टर में भी जुटाई जा रही है। इस्लामाबाद की मिलिट्री और पॉलिटिकल गलियारों में भी यह सुगबुगाहट है कि पाकिस्तान युद्ध की तैयारी में जुट गया है।
पाक सेना का मानना है कि भारत उसे नीलम नदी से पीछे धकेलना चाह रहा
पाक फौज के एक उच्च स्तरीय अफसर ने बताया कि कब युद्ध शुरू हो जाएगा, यह कहना मुश्किल है। पर यह तय है कि भारत और पाकिस्तान की सेनाएं युद्ध के लिए तैयार हैं। यह भी तय है कि जो कुछ भी होना है वह सितंबर से अक्टूबर के बीच ही होना है। क्योंकि फिर बर्फ पड़नी शुरू हो जाएगी और युद्ध लड़ना असंभव हो जाएगा। पाक सेना का मानना है कि बर्फ पड़ने से पहले भारत उन्हें नीलम नदी से पीछे धकेलना चाहता है। फिर अगली गर्मी तक के लिए दोनों सेनाओं का यह स्टैंड-स्टिल पोजीशन बन जाएगा। अगर ऐसा होता है तो सेना हर हालत में इसे रोकेगी।
पाक फौज की साजिश: भारतीय सेना नीलम पार करे, ताकि निकल न सके
एलओसी पर तैनात सेना के एक अफसर ने बताया कि फौज का फोकस इस बात पर है कि किसी उकसावे में भारतीय सेना अक्टूबर से पहले नीलम पार कर ले। यदि ऐसा होता है तो बर्फबारी के बाद पोजीशन को होल्ड करना भारतीय सेना के लिए महंगा पड़ सकता है। ऐसे में अगर वे पीछे हटते हैं या नहीं, दोनों ही सूरत में नुकसान भारत का ही होगा। पहले एक पोस्ट पर एक ट्रक एम्युनिशन काफी होता है पर दो पहले ही पहुंच चुके हैं।
पाकिस्तानी जानकार कह रहे- सेना युद्ध के लिए तैयारी शुरू कर चुकी है
21 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा था कि अब भारत से बात करने का कोई तुक नहीं बनता है। पाक के सैन्य और सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि इमरान के बयान से यह कहा जा सकता है कि पाक सेना अब वार्ता नहीं, युद्ध की तैयारी कर रही। भास्कर से बात करते हुए पाकिस्तान के नामी पत्रकार नुसरत जावेद कहते हैं कि ‘पाकिस्तान आगे बढ़कर मामले को तूल नहीं देगा और रणनीति के अनुसार भारत के एडवेंचर को सहने की कोशिश करेगा। ताकि उसे कम नुकसान हो।’ पत्रकार कामरान खान कहते हैं कि ‘फौज काम शुरू कर चुकी है। पाक इस बार डिफेंसिव नहीं होगा, क्योंकि समझौते और दस्तावेज अब बेकार हो चुके हैं।’
बाजवा ने कहा- भारत के हमले का जवाब देने को तैयार
इस बीच, पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि उनकी सेना भारत की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। भारत के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए हमारी सेना पूरी तरह तैयार है। बाजवा ने यह बातें शनिवार को गिलगिट में सेना मुख्यालय के दौरे पर कहीं। इमरान सरकार ने 19 अगस्त को ही बाजवा का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया था। कार्यकाल बढ़ाने से इमरान की विपक्षी दलों ने जमकर आलोचना की थी और कहा था कि देश में और भी काबिल लोग हैं।
कुछ दिन पहले आर्मी चीफ ऑर्डनेंस फैक्ट्री पहुंचे थे
आर्मी चीफ बाजवा ने हाल ही में ऑर्डनेंस फैक्ट्री का दौरा किया था। फैक्ट्री के सूत्रों ने बताया कि बाजवा का ये दौरा सुनियोजित था और पाकिस्तान की सबसे बड़ी हथियार फैक्ट्री में कई घंटे बिताए। उन्होंने फैक्ट्री में उत्पादन का डिटेल मुआयना किया।
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